Chandrayaan 2: मेकॉन की मेड इन इंडिया का सफल उदाहरण है चंद्रयान-2
chandrayaan2 landing. चंद्रयान को लेकर मेकॉन के इंजीनियरों ने खुशी जताई है। 1999 मार्च से मेकॉन ने चंद्रयान के लिए लांचिंग पैड बनाना शुरू किया था।
रांची, जासं। चंद्रयान-2 मेकॉन के बनाए अति आधुनिक लांच पैड -2 से प्रक्षेपित किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और मेकॉन के इंजीनियरों की मेहनत का नतीजा आज देश के सामने दिखने वाला है। मेकॉन के पीआर एंड एचआरडी विभाग के महाप्रबंधक आशा डबल्यू विश्वास ने बताया कि लॉन्च पैड -2 से पहला सेटेलाइट 5-5-2005 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। यह ट्रिपल 5 कनेक्शन अद्भुत है।
जो मेकॉन के कार्य की दक्षता की ऐतिहासिक तारीख हैं। मेकॉन को सेटेलाइट लॉन्च पैड के निर्माण का काम सितंबर 1998 में मिला था। निर्माण कार्य 1999 मार्च में शुरू हुआ। जिसमें मेकॉन ने टर्न-की आधार पर कार्य किया है। यह काम बहुत जटिल होता है। हमें खुशी है कि मेक इन इंडिया कॉन्सेट को मेकॉन ने 2003 में ही साकार कर दिया था।
मेकॉन के 125 से ज्यादा इंजीनियरों ने 24 घंटे काम किया
इसरो के पहले लांच पैड से सिर्फ पीएसएलवी सेटेलाइट ही लांच किए जा सकते थे। बाकी लॉन्च यूरोपिय देशों से ही प्रक्षेपित किए जाते थे। इसरो से पहली बार देश में स्वदेशी लॉन्च पैड बनाने का काम मिला। जो हमारे लिए और पूरे देश के लिए अद्भुत था। इस प्रोजेक्ट में अभियांत्रिकी, खरीद और निर्माण भी शामिल है। लॉन्च पैड-2 की डिजाइन अति आधुनिक है। इसके लिए मेकॉन के 125 से ज्यादा अनुशासित इंजीनियरों ने 24 घंटे काम किया है। यह काम बहुत ही चुनौतीपूर्ण था।
इसलिए मेकॉन कार्यालय के 5वें फ्लोर पर अलग से एक एक विंग बनाया गया। मेकॉन आज देशहित में किए गए इस काम के लिए गौरवान्वित है। चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लेंडिंग हमारे लिए ही नहीं पूरे देश के लिए बहुत खास है।