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Chamoli Tragedy: चमोली हादसे में लापता ज्योतिष और सुनील का शव पहुंचा लोहरदगा, किया गया अंतिम संस्कार

Chamoli Tragedy उत्तराखंड के चमोली में विगत सात फरवरी को आई प्राकृतिक आपदा के बाद लापता लोहरदगा के किस्को प्रखंड के बेटहठ चोरटांगी गांव के मजदूर ज्योतिष बाखला और सुनील बाखला का शव बरामद होने के बाद मंगलवार की देर रात लोहरदगा लाया गया।

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 10:38 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 12:20 PM (IST)
Chamoli Tragedy: चमोली हादसे में लापता ज्योतिष और सुनील का शव पहुंचा लोहरदगा, किया गया अंतिम संस्कार
Chamoli Tragedy: चामोली हादसे में लापता ज्योतिष और सुनील का शव पहुंचा लोहरदगा। जागरण

लोहरदगा, जासं। उत्तराखंड के चमोली में विगत सात फरवरी को आई प्राकृतिक आपदा के बाद लापता लोहरदगा के किस्को प्रखंड के बेटहठ चोरटांगी गांव के मजदूर ज्योतिष बाखला और सुनील बाखला का शव बरामद होने के बाद मंगलवार की देर रात लोहरदगा लाया गया। एंबुलेंस की सहायता से लगभग 40 घंटे के सफर के बाद शव को उनके गांव तक पहुंचाया गया। जैसे ही शव गांव पहुंचा, वैसे ही स्वजनों के सब्र का बांध टूट पड़ा। स्वजनों की चीत्कार से आसपास का वातावरण बेहद मार्मिक हो गया।

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स्वजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। देर रात दो बजे तक एनडब्ल्यूजीईएल चर्च के पादरी रेवरेंस जोहन भेंगरा, प्रचारक सुशील तिर्की, अजय एक्का, स्थानीय चर्च के पदाधिकारी शिवदयाल बाखला, किस्को सीओ बुढ़ाय सारु, पंचायत समिति सदस्य अनमोल तिर्की, मुखिया लक्ष्मी उरांव आदि की उपस्थिति में शव को चोरटांगी कब्रिस्तान में दफनाया गया।

ज्योतिष और सुशील का शव मिलने के बाद गांव में लोगों की आंखें टकटकी लगाए हुई थी। हर कोई दोनों को बस एक नजर देखना चाहता था। स्वजनों की तो जैसे सांसें थम गई थी। स्वजनों की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। देर रात जैसे ही दोनों का शव गांव पहुंचा, वैसे ही चित्कार से सब का कलेजा फटने लगा। महिलाओं के रुदन से हर किसी की आंखें नम हो आई थी। लोग सांत्वना भी नहीं दे पा रहे थे। जब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया गया, तब तक पूरा माहौल गमगीन रहा।

भविष्य तलाशने साथ निकले थे, अनंत सफर पर भी साथ ही गए

लोहरदगा : रोजगार की तलाश में लोहरदगा से उत्तराखंड के चमोली में गए नौ दोस्तों को जिंदगी का सफर उन्हें इस मोड़ पर ले आएगा, यह किसी को पता नहीं था। सभी नौ मजदूर बेहद करीबी और अच्छे दोस्त थे। रोजगार की तलाश में विगत 23 जनवरी 2020 को उत्तराखंड के चमोली के लिए निकले थे। सभी 25 जनवरी 2020 को चमोली पहुंचे थे। इसके बाद सभी काम में लग गए थे।

अपना और अपने परिवार का भविष्य संवारने के लिए साथ निकले इन दोस्तों को कहां पता था कि जिंदगी उन्हें इस मोड़ पर ले आएगी।मंगलवार की देर रात जब ज्योतिष और सुनील का शव एक ही कब्रिस्तान में दफनाया गया तो बरबस यह सवाल घूमने लगा कि क्या अनंत सफर पर भी यह साथ निकल गए हैं। स्वजनों, दोस्तों, परिचितों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। भविष्य संवारने के लिए साथ निकले दोनों दोस्त आज एक ही कब्रिस्तान में अनंत सफर पर भी साथ चले गए थे।


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