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Chamoli Tragedy: श्रम अधीक्षक की अगुवाई में लापता नौ मजदूरों के तीन परिजन उत्तराखंड गए

Jharkhand उत्तराखंड के चमोली में विगत दिनों ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के बाद लोहरदगा के किस्को प्रखंड के बेटहठ पंचायत के चोरटांगी गांव के नौ मजदूर अब तक लापता हैं। जिनकी तलाश में लापता लोगों के तीन स्वजन शुक्रवार को उत्तराखंड के लिए रवाना हुए।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 04:38 PM (IST)
Chamoli Tragedy: श्रम अधीक्षक की अगुवाई में लापता नौ मजदूरों के तीन परिजन उत्तराखंड गए
Chamoli Tragedy: श्रम अधीक्षक की अगुवाई में लापता नौ मजदूरों के तीन परिजन उत्तराखंड गए। जागरण

लोहरदगा, जासं । उत्तराखंड के चमोली में विगत दिनों ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के बाद लोहरदगा के किस्को प्रखंड के बेटहठ पंचायत के चोरटांगी गांव के नौ मजदूर अब तक लापता हैं। जिनकी तलाश में लापता लोगों के तीन स्वजन शुक्रवार को उत्तराखंड के लिए रवाना हुए। उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो के निर्देश पर श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो के नेतृत्व में लापता मजदूरों के तीन स्वजनों ट्रेन से उत्तराखंड के लिए रवाना हुए हैं। श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो के साथ उत्तराखंड के चमोली जाने वालों में प्रकाश बाखला का पुत्र सेवक बाखला, सीताराम उरांव और स्वर्गीय बुधु भगत के पुत्र कर्मदास भगत शामिल हैं।

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लापता सुनील बाखला और नेमहस बाखला का रिश्तेदार सेवक बाखला है। जबकि दीपक उरांव के रिश्ते में चाचा सीताराम उरांव हैं। वहीं लापता मजदूर विक्की भगत का रिश्तेदार कर्मदास भगत है। ये तीनों लोग श्रम अधीक्षक के साथ उत्तराखंड के लिए रवाना हुए। सभी लोग लापता मजदूरों की तलाश करने के साथ-साथ स्वजनों और लोहरदगा जिला प्रशासन के संपर्क में रहेंगे और लगातार मामले से सभी का अपडट कराएंगे। लापता मजदूरों की तलाश करने के लिए स्वजनों द्वारा जिला प्रशासन से फरियाद लगाने के बाद उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो पीड़ित परिवार से मिलकर लापता मजदूरों के स्वजनों को जिला स्तर के अधिकारी के साथ उत्तराखंड भेजने का फैसला लिया था।

इसी आदेश की कड़ी में श्रम अधीक्षक के नेतृत्व में सेवक, सीताराम और कर्मदास को उत्तराखंड भेजा गया है। परिस्थितियों के अनुसार अधिकारी और स्वजन लापता मजदूरों के बारे में पता करेंगे और आगे की कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही हरेक स्थिति से जिला प्रशासन और स्वजनों को अवगत कराया जाएगा। अपनों की तलाश में गए हुए परिजनों की आंखों में अब भी लापता मजदूरों को जीवित देखने की उम्मीद लगी हुई है। परिजनों को विदा करते हुए ग्रामीणों की आंखें भर आई थी। सभी ने ऊपर वाले से प्रार्थना की है कि लापता मजदूरों के बारे में कुछ अच्छी खबर मिले। समय बीतने के साथ ही टूटती हुई उम्मीद के बीच जिला प्रशासन की इस पहल से आशा की एक नई किरण भी नजर आ रही है।


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