Navratri 2021: चैत नवरात्र आज से, कलश स्थापना, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
Chaitra Navratri 2021 ये सप्ताह त्योहारों का सप्ताह है। चैत शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 13 अप्रैल से विक्रम संवत 2078 आरंभ हो रहा है। इसी दिन से चैती दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी। 14 अप्रैल को पंजाबियों का बैशाखी है। 15 अप्रैल को आदिवासियों का प्रमुख पर्व सरहुल मनाया जाएगा।
रांची, जासं। Chaitra Navratri 2021ये सप्ताह त्योहारों का सप्ताह है। चैत शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 13 अप्रैल से विक्रम संवत 2078 आरंभ हो रहा है। इसी दिन से चैती दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी। 14 अप्रैल को पंजाबियों का बैशाखी है। 15 अप्रैल को आदिवासियों का प्रमुख पर्व सरहुल मनाया जाएगा। वहीं, 16 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ चैती छठ आरंभ होगा। जबकि दूसरे सप्ताह में 21 अप्रैल को नवरात्र का नवमी पूजन और श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
विक्रम संवत को हिंदू नर्व वर्ष भी कहा जाता है। विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है। संवत की शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने किया था इसी कारण इसे विक्रम संवत कहा जाता है। पंडित बिपिन पांडेय के अनुसार नव वर्ष मंगलवार से आरंभ हो रहा है। इस कारण संवत का राजा मंगलदेव हैं जो कि शुभफलदायी माना गया है।
नवरात्र पूजा
मां दुर्गा का आगमन अश्व व गमन सिंह(शेर)
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त : प्रात: काल से 08.46 बजे तक, इसके बाद शाम सात बजे तक कर लें हवन
21 अप्रैल को संध्या सात बजे तक हवन पूजा संपन्न कर लें।
सरहुल पर लगाया जाएगा 151 फीट ऊंचा झंडा
चैत शुल्क पक्ष द्वितीया 14 अप्रैल से तीन दिनी सरहुल पूजा आरंभ होगा। पहले दिन बुधवार को उपवास एवं केकड़ा, मछली पकड़ाई की रस्म निभायी जाएगी। संध्या 07:30 बजे सरना स्थल में जल रखाई पूजा होगी। 15 अप्रैल को 10:30 बजे केंद्रीय सरना पूजा स्थल सरना टोली हातमा में पूजा होगी। वहीं, 16 अप्रैल को फुलखोसी (पुष्प अर्पण)की जाएगी।
इसकी जानकारी रविवार को हातमा में सरहुल पूजा को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने दी। जगलाल पहान ने सरना धर्मावलंबियों से परंम्पागत रूढ़ि विधि विधान से ससमय पूजा करने की अपील की। केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि सरहुल पर्व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुरूप किया जाएगा। शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी। 15 अप्रैल को अलबर्ट एक्का चौक पर 152 मीटर ऊंचा मुंडा समाज का झंडा लगाया जाएगा।