नित्यानंद राय ने पीएम मोदी की अर्थनीति को सराहा, कांग्रेस को पूंजीवाद का पर्याय बताया Ranchi News
Jharkhand. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मंगलवार को रांची स्थित झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से मुखातिब थे। कहा कि विपक्ष को विकास का पैमाना नहीं दिखता है।
रांची, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अर्थनीति की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि देश की विकेंद्रित अर्थव्यवस्था मोदी की अर्थनीति की विशेषता है। इस नीति के तहत टैक्स में कटौती हो रही है, कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर (पांच लाख करोड़ डॉलर) इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है, देश उसे हासिल करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने दावा किया कि भारत विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। सरकार हर तबके का ख्याल रख रही है। राय मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से मुखातिब थे। राय ने कहा कि किसी भी तरह के प्रोत्साहन का लाभ नहीं ले रही घरेलू कंपनियों को 30 फीसद की जगह अब 22 फीसद आयकर देना होगा।
सरकार बैंक और उपभोक्ताओं के संबंधों को और भी प्रभावी बनाने के निमित्त कुछ बैंकों को एक-दूसरे में मर्ज करने का काम किया है। इससे न तो बैंकों के दायरे में कोई कमी आएगी, और न ही कर्मचारियों को ही किसी तरह का नुकसान होगा। विपक्ष, जिसका लगभग सफाया हो चुका है, उसे विकास का यह पैमाना नहीं दिखता। वह बेवजह भ्रम फैलाने का काम कर रहा है।
गृह राज्य मंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 55 से 60 साल तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस पूंजीवाद का पर्याय बनकर रह गई थी। गरीबी मुक्त भारत उसका नारा था, परंतु उसके राज में गरीबी बढ़ती गई। लिहाजा, विकास भी अवरुद्ध रहा। तब देश की अर्थव्यवस्था दूसरे देशों पर निर्भर थी। इससे इतर, यह पूछे जाने पर कि जब देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है तो झारखंड के सैकड़ों उद्योग क्यों बंद पड़े हैं, उन्होंने कुछ भी बोलने से परहेज किया। बिहार की बाढ़ पर भी उन्होंने चुप्पी साध ली।
साझा की मोदी की अर्थनीति के फायदे
- जो कंपनियां 22 फीसद की दर से आयकर भुगतान का विकल्प चुन रही हैं, उसे न्यूनतम वैकल्पिक कर के भुगतान की जरूरत नहीं होगी। अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी आयकर दर 25.17 फीसद होगी। इस तरह 100 करोड़ का लाभ कमाने वाली कंपनी को अब 9.77 करोड़ रुपये की बचत होगी।
- एक अक्टूबर 2019 से उत्पादन में आने वाली कंपनियों को अब 29.12 की जगह 17.01 फीसद कर देना होगा।
- कैपिटल गेन टैक्स से सरचार्ज भी हटेगा।
- कंपनियां अब दो फीसद सीएसआर फंड का इस्तेमाल आइआइटी, विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थानों के लिए शोध कार्यों पर खर्च करेंगी।
- 45 लाख रुपये तक के घर के लिए 31 मार्च 2020 तक लिए गए ऋणों पर डेढ़ लाख रुपये तक की छूट मिलेगी।