Jharkhand: 26 को हड़ताल पर अड़े यूनियन, सीसीएल ने वेतन काटने का दिया अल्टीमेटम
Jharkhand News सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कोयला कर्मियों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की है। उन्होंने अपने एक पत्र में कहा है कि वार्षिक लक्ष्य 86 मिलियन कोयला उत्पादन का है। कोयले से देश की ऊर्जा को गति मिलती है।
रांची, जासं। देश के प्रमुख केंद्रीय मजदूर संगठनों के आह्वान पर 26 नवंबर को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में धीरे-धीरे सभी उद्योग और कंपनियों के मजदूर और कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। इस बीच सीसीएल ने 26 नवंबर को कार्य पर नहीं आने वाले कर्मचारियों को अल्टीमेटम दे दिया है। सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कोयला कर्मियों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की है।
उन्होंने अपने एक पत्र में कहा है कि वार्षिक लक्ष्य 86 मिलियन कोयला उत्पादन का है। कोयले से देश की ऊर्जा को गति मिलती है। हड़ताल से कोयला उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा। इसका नुकसान देश के साथ मजदूर वर्ग को भी उठाना पड़ेगा। पीएम प्रसाद ने अपने पत्र में कहा है कि औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 2 खंड (ढ़) के प्रावधानों के अनुसार कोयला उद्योग को लोक उपयोगी सेवा घोषित की गई है।
ऐसे में किसी भी प्रकार की हड़ताल गैर कानूनी है। इसमें भाग लेने की स्थिति में काम नहीं तो वेतन नहीं लागू होगा। वहीं दूसरी तरह इस हड़ताल में रेलवे, बैंकिंग सेक्टर, बीमा सेक्टर और स्टील सेक्टर के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) से जुड़े मजदूर किसान हड़ताल में शामिल होंगे।
क्या है कोल क्षेत्र से जुड़ी मांग
1) कोल इंडिया लिमिटेड व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश की प्रक्रियाओं को रोका जाए।
2) कामर्शियल माइनिंग को रोका जाए।
3) सीएमपीडीआइ के साथ एमएससीएल के विलय और कोल इंडिया लिमिटेड से सीएमपीडीआइएल को अलग करने के प्रस्ताव पर रोका जाए।
4) श्रमिकों के अधिकारों को कटौती करने वाला श्रम कानूनों में संशोधन बंद किया जाए।
ये यूनियन लेंगी हड़ताल में हिस्सा
इस हड़ताल से भाजपा से संबध मजदूर यूनियन भारतीय मजदूर यूनियन ने पहले ही किनारा कर लिया है। इसके अलावा इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एचएमएस (हिंद मजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन), एआइयूटीयूसी (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लॉयज वुमेंस एसोसिएशन), एआइसीसीटीयू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशनल), यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस) इस हड़ताल में शामिल हो रही है।