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केंद्रीय बलों के कैंपों को मिलेगा थाना-ओपी का दर्जा

रांची : राज्य में नक्सल अभियान में लगे केंद्रीय बलों के कैंपों को थाना या ओपी का दर्जा मिलेगा। गृह व

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 May 2018 10:35 PM (IST)Updated: Fri, 11 May 2018 10:35 PM (IST)
केंद्रीय बलों के कैंपों को मिलेगा थाना-ओपी का दर्जा
केंद्रीय बलों के कैंपों को मिलेगा थाना-ओपी का दर्जा

रांची : राज्य में नक्सल अभियान में लगे केंद्रीय बलों के कैंपों को थाना या ओपी का दर्जा मिलेगा। गृह विभाग ने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए यह प्लान तैयार किया है ताकि ग्रामीण अपनी समस्याएं खुलकर रख सकें।

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नक्सल अभियान में केंद्रीय सुरक्षा बलों के 24 बटालियन तथा राज्य पुलिस की आइआरबी, जैप व अन्य बल एंटी नक्सल ऑपरेशन में तैनात हैं। सभी केंद्रीय बलों के कैंप को पुलिस थाना/ओपी का दर्जा दिया जाएगा। वहां नियमित रूप से राज्य पुलिस के अधिकारी उपलब्ध रहेंगे, ताकि थाने-ओपी को संचालित कर सकें।

इतना ही नहीं, यह भी निर्णय लिया गया है कि वर्तमान में राज्य के कई ऐसे थाने हैं, जो अपने निर्धारित लोकेशन के बजाए अन्य स्थानों से संचालित हैं। जैसे कि पश्चिम सिंहभूम जिले के टोंटो थाना झींकपानी में व जतिया थाना जगन्नाथपुर में चल रहा है। ऐसे सभी थानों को उनके निर्धारित स्थान पर त्वरित स्थानांतरित करते हुए सुचारू किया जाएगा।

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कम नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र से शिफ्ट होंगे केंद्रीय बलों के कैंप :

गृह विभाग ने प्लान बनाया है कि कम नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों के कैंपों को शिफ्ट किया जाएगा। इन कैंपों को राज्य पुलिस बलों को सौंपा जाएगा ताकि ऐसे इलाकों में सड़क, बिजली, मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास हो सके। वहीं, केंद्रीय सुरक्षा बलों को अंदरूनी इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैनात किया जाएगा। केंद्रीय सुरक्षा बलों के सभी प्रस्तावित कैंपों में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं भी प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी।

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संवेदनशील क्षेत्रों में भी होगी नाइट लैंडिंग की व्यवस्था :

नक्सल प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में नाइट लैंडिंग की व्यवस्था का प्लान तैयार है। यहां पक्के हैलीपैड का निर्माण हो रहा है ताकि रात में भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में कोई परेशानी न हो।

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नक्सल क्षेत्र में क्या है डेवलपमेंट प्लान :

-नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्रों में कुछ गांवों को जोड़ने के लिए 20-25 किमी की दूरी तक सड़क नहीं है। ऐसे इलाकों को चिह्नित कर सड़कों पर पुल-पुलिया प्राथमिकता के आधार पर बनेंगे।

-नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मोबाइल कनेक्शन के लिए बीएसएनएल व अन्य निजी क्षेत्र की मोबाइल कंपनियां टावर लगाएंगी।

-नक्सलियों के प्रभाव वाले गांवों में समेकित विकास केंद्र स्थापित कर ग्रामीणों से प्रशासन के संबंध को मजबूत करना होगा।

-नक्सल विरोधी ऑपरेशन में घायल व शहीद सुरक्षा बलों के लिए वर्षो से लंबित राशि प्राथमिकता के आधार पर देना होगा और उनके आश्रित को अनुकंपा पर योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी।

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