SURROGACY MOTHER से बेहतर है बच्चा गोद लेना, जानिए- क्या है भारत सरकार का नियम
CHILD ADOPTION PROCESS कहीं कोई बच्चा फेंका हुआ नजर आता था तो लोग बिना कानूनी प्रक्रिया के तुरंत गोद ले लिया करते थे। अब संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने सख्त नियम बना दिए हैं। कानूनी प्रक्रिया के बाद ही बच्चा गोद ले सकते हैं। पढ़िए क्या है पूरी प्रक्रिया।
रांची, डिजिटल डेस्क। अगर आप नि:संतान दंपती हैं तो Priyanka Chopra की तरह Surrogate Mother बनने से बेहतर है कि आप किसी बच्चे को गोद ले लें। आपके लिए बच्चा गोद लेना सबसे बेहतर होगा, लेकिन पहले की तरह भारत में अब बच्चा गोद लेना आसान भी नहीं है। केंद्र सरकार ने कई तरह के नए नियम बना दिए हैं। यह कदम मानव तस्करी रोकने के लिए उठाया गया है।
केंद्र सरकार की वेबसाइट पर पहले कराएं अपना पंजीयन
बहरहाल, अगर आप बच्चा गोद लेना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) में पंजीयन कराना होगा। यह भारत सरकार द्वारा गठित संस्था है। इसी संस्था के माध्यम से बच्चे गोद दिए जाते हैं। अंग्रेजी में इस संस्था का पूरा नाम Central Adoption Resource Authority है। इसे शॉट फार्म में CARA भी कहते हैं। हिन्दी में इसका नाम केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण है।
पंजीयन के बाद आपका नंबर आने में लग सकता है समय
Central Adoption Resource Authority की वेबसाइट पर जाकर आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात 6 से 8 माह तक आपको इंतजार करना पड़ सकता है। यह समय सीमा बढ़ भी सकती है। ऐसा इसलिए कि बच्चा गोद लेने के लिए पहले से ही कई लोग पंजीकरण कराकर प्रतीक्षा कर रहे हैं। नंबर आने के बाद ही आपको बच्चा गोद मिल सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा गठित है संस्था, इससे जुड़े हैं अनाथालय
Central Adoption Resource Authority से देश के कई अनाथालय जुड़े हुए हैं, यानी पंजीकृत हैं। बच्चे वहीं उपलब्ध होते हैं, जहां से आपको मिलेंगे, लेकिन यह तभी संभव है जब आपने Central Adoption Resource Authority की साइट पर जाकर पंजीयन करा रखा हो।
कानूनी प्रक्रिया अपनाने के बाद ही मिलता है बच्चा
मालूम हो कि जब कोई बच्चा बरामद होता है तो उसकी जानकारी सरकार की एजेंसियों द्वारा Central Adoption Resource Authority वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती है। Central Adoption Resource Authority की ओर से इच्छुक लोगों को सूचना दी जाती है। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
इच्छुक दंपती के पास भेजा जाता है बच्चे का फोटो
Central Adoption Resource Authority की ओर से इच्छुक दंपती को संबंधित बच्चे का फोटो भेजा जाता है। यदि इच्छुक दंपती सहमति व्यक्त करते हैं तो आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू होती है। इसके बाद Central Adoption Resource Authority की एक टीम जांच पड़ताल करती है। इसके बाद यह मामला कोर्ट में पहुंचता है। पुलिस विभाग इस मामले में NOC (No Objection Certificate) जारी करता है।
इस उम्र के लोगों को मिलेगा कोई बच्चा गोद
- चार वर्ष तक का बच्चा गोद लेने के लिए पति पत्नी में से किसी एक की उम्र 45 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए। अगर पति और पत्नी की उम्र मिलाकर 90 वर्ष हो तो इस उम्र का बच्चा गोद नहीं मिल सकता है।
- चार से आठ वर्ष तक की उम्र का बच्चा 90 से 100 वर्ष तक की उम्र के पति पत्नी गोद ले सकते हैं।
- चार या इससे अधिक बच्चों के माता पिता को बच्चा गोद नहीं देने का प्रविधान है।
देश में गोद लेने वालों की इस समय लंबी है कतार
जानकारी के अनुसार, इस समय Central Adoption Resource Authority के पास 36,000 दंपती पंजीयन कराने के बाद बच्चा गोद लेने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं Central Adoption Resource Authority के पास इस समय 1,936 बच्चे ही उपलब्ध हैं। ऐसे में यह ध्यान रखें कि आपको काफी समय इंतजार भी करना पड़ सकता है। बावजूद यदि आपको गोद लेना है तो तुरंत पंजीयन करा लें।
आवेदक के पास इस तरह के प्रमाणपत्र चाहिए
- गोद लेने वाले पति पत्नी का PAN Card (पैन कार्ड) होना चाहिए।
- गोद लेने वाले पति पत्नी का नया फोटो होना चाहिए। फुल और हाफ।
- गोद लेने वाले पति पत्नी का Email (ईमेल आइडी) होना चाहिए।
- गोद लेने वाले पति पत्नी के पास Mobile Phone (मोबाइल फोन) होना चाहिए।
- गोद लेने वाले पति पत्नी का आयकर रिटर्न प्रमाणपत्र अवश्य होना चाहिए।
- गोद लेने वाले पति पत्नी का आय प्रमाण पत्र होना चाहिए यदि आयकर नहीं भरते हैं तो।
- गोद लेने वाले पति पत्नी के पास उनकी शादी का प्रमाणपत्र अवश्य होना चाहिए।
- गोद लेने वाले पति या पत्नी का तलाक हो गया है तो तलाक का प्रमाणपत्र अवश्य चाहिए।
- पति या पत्नी में से किसी की यदि मौत हो गई है तो उसका भी प्रमाणपत्र अवश्य चाहिए।
- अगर आपने शादी नहीं की है तो इसकी भी जानकारी आपको देनी होनी।
- गोद लेने वाले दंपती को कोई संक्रामक रोग तो नहीं है, इसका भी प्रमाणपत्र देना होता है।