सीसीएल प्रबंधन की उपेक्षा से बीमार हो गया गांधीनगर अस्पताल
जागरण संवाददाता रांची सीसीएल के सबसे बड़े अस्पताल गांधीनगर में अव्यवस्था का आलम है। अस्पताल
जागरण संवाददाता, रांची : सीसीएल के सबसे बड़े अस्पताल गांधीनगर में अव्यवस्था का आलम है। अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। हालत ये है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों के पीने के लिए साफ पानी तक की व्यवस्था नहीं है। वहीं अस्पताल के कैंपस में दवाई दुकान तो है मगर उसमें आधी से ज्यादा दवाई नहीं मिलती है। खासकर सर्जिकल आइटम के लिए तो कांके रोड के दवा दुकानों में जाना ही पड़ता है। जबकि नियम के अनुसार कंपनी को कम से कम बाह्यं रोगियों को अस्पताल के अंदर से ही दवा देनी है। अस्पताल में इलाज के लिए बाहर से आने वाले मरीजों के लिए विश्राम गृह है मगर इसकी हालत काफी खराब है। इसमें किसी तरह से लोग दिन गुजारने के लिए मजबूर है। दूसरे अस्पताल में रेफर के लिए लगती है साहेब की पैरवी-
सीसीएल गांधीनगर अस्पताल में बिना किसी आला अफसर के पैरवी के मरीजों को किसी दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाता है। वहीं रेफर करने में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बातें मरीज बताते हैं। मरीजों का आरोप है कि यहां इलाज में काफी कोताही की जाती है।
वहीं डॉक्टर के केबिन में दिनभर मेडिकल रिप्रजेंटेटिव का आना जाना लगा रहता है। डॉक्टर मेडिकल रिप्रजेंटेटिव के कहे अनुसार दवाई लिखते है। वहीं केबिन के बाहर मेडिकल रिप्रजेंटेटिव मरीजों को दवाई मिलने का दुकान भी बता देता है। कर्मचारियों को 2017 से नहीं मिला बकाया-
प्रबंधन की लापरवाही का आलम ये है कि कर्मचारियों की छुंट्टी के दिन काम करने और सवैतनिक अवकाश के दिन काम करने बकाया जनवरी 2017 से दिसंबर 2018 तक का अभी भी नहीं मिला है। वहीं साप्ताहिक छुंट्टी के दिन काम करने पर पहले दोगुने वेतन का प्रावधान था जिसे खत्म कर दिया गया। इस बारे में कर्मचारियों ने प्रबंधन से कई बार शिकायत की मगर फिर भी आज तक कुछ नहीं हुआ। वहीं अस्पताल में उपस्थिति के लिए लगाई गई बायोमेट्रिक मशीन भी काम नहीं करती है। क्लास -4 और टेक्निशियन कर्मचारी का है अभाव-
गांधीनगर अस्पताल में चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों और टेक्निशियन की भी कमी है। अस्पताल में आया, वार्डब्याज, पुरुष और महिला सफाईकर्मियों, जेनरेटर आपरेटर, फर्मासिस्ट, ईएंडटी टेक्निशियन, लैब टेक्निशियन आदि की कमी है। इनके कारण अस्पताल की व्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही अस्पताल में व्हिल चेयर और स्ट्रेचर ट्राली भी पर्याप्त संख्या में नहीं है।
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गांधीनगर अस्पताल एक वक्त सीसीएल की शान था। मगर यहां अब भ्रष्टाचार व्याप्त है। यहां काम करने वाले कर्मचारी के साथ इलाज कराने आने वाले मरीज तक यहां से परेशान है। कई बार प्रबंधन को इस बारे में बताया गया है अगर तय समय में कोई एक्शन नहीं लिया गया तो हम अपने स्तर पर कड़ी कार्यवाई करेंगे।
आरपी सिंह, महामंत्री, सीटू