शिक्षक बच्चों को सरल तरीके से सिखाएं
रांची : शिक्षक बच्चों के भविष्य के निर्माता हैं। वह उन्हें जैसा सिखाएंगे बच्चे वैसा ही बनेंगे। इसलि
रांची : शिक्षक बच्चों के भविष्य के निर्माता हैं। वह उन्हें जैसा सिखाएंगे बच्चे वैसा ही बनेंगे। इसलिए शिक्षक अपने-अपने विषय में निपुणता प्राप्त करें। पाठ्यक्रम को सरलता से समझाने की कला सीखें। शिक्षकों को न केवल कक्षा में बल्कि अपने आचरण से समाज में सभी को शिक्षा देनी चाहिए। ये बातें डीएवी झारखंड जोन एफ के क्षेत्रीय निदेशक एसके लूथरा ने कहीं। वे बुधवार को डीएवी हेहल में शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय आयोजित केपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सत्र 2017-18 परीक्षा परिणाम में विषयवार क्यूपीआइ 80 फीसद से अधिक रहे शिक्षकों को भी सम्मानित किया । शिक्षकों को नई जानकारी उपलब्ध कराना उद्देश्य
डीएवी जोन बी के क्षेत्रीय निदेशक सह डीएवी हेहल के प्राचार्य एमके सिन्हा ने कहा कि लुथरा साहब एक अच्छे मार्गदर्शक हैं। कहा, कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को नए-नए विषयों की जानकारी, तकनीकी आदि से अवगत कराकर अध्यापन को अद्यतन बनाए रखना है। इससे बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलता है। इसके अंतर्गत कक्षा प्रबंधन, अभिभावको से अच्छे व्यवहार, बच्चों की सुरक्षा आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। शिक्षक धर्म को पूरी ईमानदारी से निभाएं। कार्यशाला में झारखंड जोन बी के सात स्कूलों के करीब 300 शिक्षक भाग ले रहे हैं। इनमें डीएवी खलारी, डीएवी गुमला, डीएवी सिमडेगा, डीएवी सिल्ली, डीएवी हेहल, डीएवी आनंद स्वामी रांची डीएवी बुंडू शामिल हैं। ज्ञान का करें आदान-प्रदान
प्रशिक्षण में डीएवी खलारी के प्राचार्य यूके पराशर ने कहा कि शिक्षक ज्ञान का आदान-प्रदान करते हुए एक अच्छे शिक्षण कौशल का विकास करें ताकि बच्चों को अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करना, विषय कौशल व क्षमता बढ़ाना है। मौके पर डीएवी गुमला के प्राचार्य डीके महतो, डीएवी सिमडेगा के प्राचार्य एके सिन्हा, डीएवी नीरजा सहाय के प्राचार्य एसके मिश्रा, डीएवी सिल्ली के प्राचार्य एके मिश्रा, डीएवी बुंडू से एसएन पांडेय सहित अन्य शामिल थे।