Ranchi: मारवाड़ी कालेज रांची के 18 छात्रों का हुआ कैंपस प्लेसमेंट, आप भी जानिए ...
Ranchi डेक्कन सर्विसेज ने मारवाड़ी कालेज के 18 छात्रों का कैंपस सेलेक्शन किया है। छात्रों का चयन मेडिकल कोडर की भूमिका में हुआ है। विवि की कुलपति प्रो कामिनी कुमार कालेज के प्राचार्य डा मनोज कुमार और प्लेसमेंट सेल के संयोजक डा आरआर शर्मा ने सफल उम्मीदवारों को बधाई दी।
रांची,जासं । डेक्कन सर्विसेज ने मारवाड़ी कालेज के 18 छात्रों का कैंपस सेलेक्शन किया है। छात्रों का चयन मेडिकल कोडर की भूमिका में हुआ है। विवि की कुलपति प्रो कामिनी कुमार, कालेज के प्राचार्य डा मनोज कुमार और प्लेसमेंट सेल के संयोजक डा आरआर शर्मा ने सफल उम्मीदवारों को बधाई दी। चयनित उम्मीदवारों के नाम हैं डिंपी कुमारी, नेहा कुमारी, प्रीति कुमारी, प्रिया कुमारी, देव कुमार, अमृत रंजन, पायल कुमारी, रितिका कुमारी, श्रवण कुमार, श्वेता श्रीवास्तव, सुलेखा कुमारी, श्वेता स्वर्ण, तान्या रूपम, नेहा कुमारी, श्रद्धा प्रिया सिंह, तान्या जायसवाल, मनसी सिंह और सुष्मिता कुमारी।
अनुसंधान अनुकूल संस्कृति विकसित करने में एचईआई की हो महत्वपूर्ण भूमिका
रांची : उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआइ) में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए प्रतिक्रिया और सुझाव प्राप्त करने हेतु अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) सेल द्वारा आयोजित झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) में एक परामर्श कार्यशाला आयोजित की गई। नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में कार्यशाला का आयोजन उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना के लिए मसौदा दिशा निर्देश विकसित करने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यशाला के संरक्षक, प्रो क्षिति भूषण दास, कुलपति, सीयूजे ने सम्मानित सभा को संबोधित किया और उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ की जरूरतें बताईं।
कार्यशाला में वक्ता वीएसएसयूटी बुर्ला के कुलपति प्रो. बंशीधर मांझी ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले संकायों, बुनियादी ढांचे की स्थापना और प्रशासन में पारदर्शिता से अनुसंधान अनुकूल संस्कृति विकसित करने के लिए एचईआई की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। वहीं मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुहास पेडनेकर ने एचईआइ के आरएंडडी सेल में हमारे देश के प्रतिष्ठित विद्वानों के साथ गठित एक शोध सलाहकार समिति की आवश्यकता की ओर इशारा किया और उचित शोध नीति, गुणवत्ता अनुसंधान प्रकाशनों पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि एचईआइ में ढांचागत विकास के तहत प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान के पास एक समृद्ध पुस्तकालय होना चाहिए जिसमें अनुसंधान संस्कृति विकसित करने के लिए सभी ई-पत्रिकाओं तक पहुंच हो। इसके अलावा, नए शामिल हुए संकायों को उनकी विशेषज्ञता के विशेष क्षेत्र में अनुसंधान कार्य शुरू करने के लिए बीज अनुसंधान अनुदान दिया जाना चाहिए। उन्होंने अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र (आईयूएसी) के महत्व पर भी जोर दिया।