नई दिल्ली से रांची पहुंचे यात्रियों से बस ऑपरेटरों ने वसूला मनमाना किराया, हाथापाई के बाद हंगामा
बस संचालक हजारीबाग के लिए 350 रुपये कोडरमा के लिए 500 देवघर के लिए 850 रुपये मांग रहे थे। अनुनय-विनय का भी ऑपरेटरों पर कोई असर नहीं पड़ा।
रांची, जासं। कोरोना संकट के बीच दो महीने से दिल्ली में फंसे लोगों का वापस रांची पहुंचने का पहला अनुभव कड़वाहट भरा रहा। गुरुवार को नई दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस के 897 यात्री स्टेशन से बाहर निकले तो यहां से अपने गृह जिले में जाने के लिए वाहनों की तलाश शुरू की। यात्रियों की भीड़ और व्याकुलता को वहां खड़ी निजी बसों के संचालकों ने ज्यादा पैसे कमाने के मौके के रूप में देखा और यात्रियों को बसों में बैठाने के बाद उनसे तीन-चार गुना अधिक किराया मांगने लगे।
प्रशासन ने न तो यात्रियों के गंतव्य तक जाने की व्यवस्था की थी ना ही मनमाना किराया वसूली रोकने के लिए कोई कदम उठाया। यात्रियों ने विरोध किया तो उनसे बस से उतर जाने को कहा गया। कई बसें थोड़ी आगे बढ़कर किराया वसूलने लगीं। अधिक किराया मांगने का विरोध होने पर बस संचालकों ने फिर वापस बसों का स्टेशन परिसर में लाकर खड़ा कर दिया। धीरे-धीरे हंगामा बढ़ता गया। उधर बड़ी संख्या में लोग अधिक किराया देकर बसों से जाते भी रहे।
यात्रियों का कहना था कि उनसे बस संचालक हजारीबाग के लिए 350 रुपये, कोडरमा के लिए 500, देवघर के लिए 850 रुपये मांग रहे थे। अनुनय-विनय का भी ऑपरेटरों पर कोई असर नहीं पड़ा। तू-तू मैैं-मैैं के बीच बस संचालकों और यात्रियों में हाथापाई भी हुई। हंगामा काफी बढ़ा तो पुलिस ने हस्तक्षेप कर बसों से यात्रियों को रवाना किया। बस संचालकों को उचित किराया लेने की भी नसीहत दी गई। रांची से यात्री हजारीबाग, कोडरमा, देवघर, गोड्डा, पलामू सहित अन्य जिलों के लिए बस से जा रहे थे।
टूटे शारीरिक दूरी के नियम
ज्यादा किराया बसूलने के चक्कर में एक ओर जहां बसों में ज्यादा यात्रियों को भी बिठाया गया। वहीं ट्रेन में शारीरिक दूरी का ख्याल नहीं रखा गया था। रांची पहुंची राजधानी ट्रेन में थर्ड एसी में सभी सीटों की बुकिंग की गई थी। इससे ट्रेन में शारीरिक दूरी का ख्याल रखे बिना यात्रियों को बिठाया गया था। यात्रियों का कहना था कि संक्रमण के खतरे से वे डरे हुए थे। इतना ही नहीं यात्री जब रांची स्टेशन पहुंचे तो यहां जिन बसों से उन्हें अपने जिले में जाना था, उसमें भी क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया गया।
झारखंड में फंसे उत्तर प्रदेश के 19 बराती बस से भेजे गए घर
सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल थाना क्षेत्र के कपाली में आकर फंसे उत्तर प्रदेश के भदोही व मऊ जिले के 19 बरातियों को बस से गुरुवार को घर भेजा गया। कपाली ओपी प्रभारी प्रकाश रजक ने बताया कि इस्लामनगर में मोहम्मद ताजुद्दीन के घर 19 मार्च को शादी थी। बरात आई थी। इसमें उत्तर प्रदेश के भदोही और मऊ जिले के कुल 19 बराती शामिल थे। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। सभी बराती कपाली में ही फंस गए। इनमें हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल थे।
इनके रहने एवं खाने-पीने का इंतजाम सराती करते रहे। लेकिन, कुछ दिनों के बाद सराती असमर्थ हो गए। फिर कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं व स्थानीय लोगों ने भोजन व्यवस्था का बीड़ा उठाया। इस बीच रमजान का महीना आया। रमजान में रोजेदार बरातियों के लिए हर रोज सेहरी व इफ्तार का प्रबंध स्थानीय लोग करने लगे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक मोहम्मद अर्शी को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने संज्ञान लेकर कपाली के ओपी प्रभारी को जरूरी निर्देश दिए। बस की व्यवस्था की गई। सभी बरातियों की चिकित्सकीय जांच कर उनका पास बनवाया गया। गुरुवार को इन्हें भोजन-पानी के साथ बस से विदा कर दिया गया।