Budget 2021 Gold Scheme: इएमआई पर शुरू हो सोने की खरीद, जीएसटी में मिले छूट; बजट से बड़ी उम्मीदें
Budget 2021 Gold Scheme सराफा एवं स्वर्ण आभूषण व्यापारियों को नए वर्ष में बजट से बड़ी उम्मीद है। 2020-21 में सोने की मांग काफी कम रही। इसका खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ा। सोने की कीमत ने हर महीने रिकार्ड उछाल दर्ज कराया। इससे ग्राहकों की क्रय शक्ति पर असर पड़ा।
रांची, जासं। Budget 2021 Gold Scheme कोरोना संक्रमण काल से निकल आए रांची समेत पूरे राज्य के सराफा एवं स्वर्ण आभूषण व्यापारियों को नए वर्ष में बजट से बड़ी उम्मीद है। वित्त वर्ष 2020-21में राज्य में सोने की मांग अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक काफी कम रही। इसका खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ा। वही सोने की कीमत ने हर महीने एक रिकार्ड उछाल दर्ज कराया। इससे ग्राहकों की क्रय शक्ति पर असर पड़ा।
राज्य के सराफा व्यापारी और आभूषण विक्रेता अब बजट में सरकार से राहत की आस लगाए हुए हैं। व्यापारियों की आस है कि केंद्र सरकार सबसे पहले सोने की खरीदारों को राहत दे। इसके लिए सोने की खरीद और बिक्री पर जीएसटी की दर को कम किया जाए। साथ ही, आयातकों के द्वारा कस्टमर ड्यूटी के साथ भुगतान किए जाने वाले तीन प्रतिशत आईजीएसटी से बैंक गारंटी के प्रावधान के साथ छूट दी जाए। इसे विदेशी खरीदारों द्वारा गोल्ड सप्लाई पर भी लागू किया जाए।
चार प्रतिशत हो सोने पर आयात शुल्क
पिछले बजट में केंद्र सरकार ने सोने पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया था। इसका असर राज्य के बाजार पर देखने को मिला। पूरे वर्ष महंगे सोने के कारण मध्यवर्गीय परिवार ने बहुत जरूरी होने पर सीमित खऱीदारी की। इससे राज्य में सोने की मांग में मार्च से सितंबर के बीच 37 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी। झारखंड राज्य सराफा व्यापारी संघ की तरफ से कहा गया है कि केंद्र सरकार स्वर्ण व्यापार को सहारा देने के लिए सोने पर आयात शुल्क को कम करके चार प्रतिशत तक करे। अगर सरकार ड्यूटी कम करेगी तो उससे सीधे रूप से सोने के तस्करी में कमी आएगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार के राजस्व को बड़ा फायदा होगा। क्योंकि तस्करी वाले लोग ड्यूटी कम होने से कानून के तहत सोने का आयात करेंगे।
इएमआई पर शुरू हो सोने की खरीद
राज्य के सराफा व्यापारी संघ की आस है कि केंद्र सरकार को आभूषणों की खरीद इएमआई पर यानी किस्तों में खरीद की अनुमति देनी चाहिए। अब तक आरबीआई इसकी अनुमति नहीं देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सोने को संपत्ति वर्ग(एसेट क्लास माना जाता है। संघ की आस है कि रत्न और आआभूषण निकाय ने गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना को लागू करने के लिए कुछ बदलाव करने की जरूरत है।