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Jharkhand Police: 4G के जमाने में 2G लेकर झख मार रही झारखंड पुलिस...

Jharkhand Police BSNL Mobile कॉलिंग से लेकर 4 जी डेटा तक सस्‍ता होने के बाद भी झारखंड पुलिस रो रही है। सभी थाना सर्किल इंस्पेक्टर डीएसपी एसपी और रेंज डीआइजी के पास बीएसएनएल सिम हैं। इनके सीयूजी सिमकार्ड पर 525 रुपये प्रतिमाह का प्लान चल रहा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 05:20 AM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 06:11 PM (IST)
Jharkhand Police: 4G के जमाने में 2G लेकर झख मार रही झारखंड पुलिस...
Jharkhand Police, BSNL Mobile: 4 जी डेटा सस्‍ता होने के बाद भी झारखंड पुलिस रो रही है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Police, BSNL Mobile मोबाइल कॉलिंग दर से लेकर डेटा तक सस्ता हो गया, लेकिन झारखंड पुलिस आज भी पुराने पोस्टपेड प्लान को ढो रही है। इस तीन गुणा अधिक राशि खर्च हो रहा है। मोबाइल पर हो रहे खर्च की दिशा में पुलिस के आला अधिकारियों का ध्यान कभी गया ही नहीं और बीएसएनएल अपने पुराने प्लान के मुताबिक राशि की वसूली करता रहा। वर्तमान में झारखंड पुलिस के पास करीब 1000 क्लोज्ड यूजर ग्रुप (सीयूजी) सिमकार्ड हैं।

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ये सिमकार्ड राज्य के सभी थाना, सभी सर्किल इंस्पेक्टर, सभी डीएसपी, सभी एसपी और सभी रेंज डीआइजी के पास हैं। इनके सीयूजी सिमकार्ड पर 525 रुपये प्रतिमाह का प्लान चल रहा है। बीएसएनएल के इस सीयूजी सिमकार्ड के डेटा का उपयोग पुलिस के पास नहीं के बराबर है। इसकी मुख्य वजह स्पीड का बहुत कम होना है। थ्रीजी स्पीड का दावा करने वाली बीएसएनएल के सिमकार्ड पर डेटा की स्पीड 2जी जैसी है।

सरकारी नंबर सिर्फ नाम का, काम तो प्राइवेट वाला ही करता है

पुलिस के थानेदार से लेकर डीआइजी तक के पास बीएसएनएल का सरकारी नंबर तो है, लेकिन सिर्फ नाम भर का। उनके पास दूसरी प्राइवेट कंपनियों का दूसरा नंबर भी है और ज्यादातर उसी से कॉलिंग व डेटा का उपयोग हो रहा है। बीएसएनएल पर अनलिमिटेड डेटा ही मिले तो क्या फायदा जब उसका उपयोग ही न हो। यह कहना है अधिकतर थानेदारों का। यही वजह है कि डेटा के लिए दूसरी निजी कंपनियों के सिमकार्ड को भी ये पुलिस अधिकारी अपने साथ रखते हैं, ताकि उसकी मदद से अपने दैनिक कार्य को निष्पादित कर सकें।

समीक्षा के बाद पुलिस मुख्यालय लेगा निर्णय

पुलिस मुख्यालय को जब बीएसएनएल के इस प्लान के माध्यम से मोटी राशि की चपत लगने की जानकारी मिली तो इसकी चर्चा तेज हो गई है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इसके नेटवर्क की समीक्षा होगी। अगर वहां भी इसकी सेवा बदतर मिली तो इसके प्लान को लेकर बीएसएनएल के उच्च अधिकारियों के साथ शीघ्र ही बैठक होगी, ताकि प्लान बदलने पर विचार हो सके। पुलिस मुख्यालय तक भी सूचना यही है कि नक्सल क्षेत्रों, घने जंगलों के बीच काम करने वाले अफसरों के पास बीएसएनएल के अलावा दूसरी निजी कंपनियों के सिमकार्ड भी हैं और वही निजी कंपनियों वाले सिमकार्ड मुख्यालय से संपर्क स्थापित करने में मदद करते हैं।


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