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नक्सलियों को हथियार बेचता था बीएसएफ का जवान, एनआइए ने कैसे किया गिरफ्तार

Ranchi News हवलदार कार्तिक बेहरा झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले के पदमपुर गांव का मूल निवासी है। उसे गत वर्ष 17 नवंबर को झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने फिरोजपुर स्थित बीएसएफ कैंप से गिरफ्तार किया था।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:50 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:50 PM (IST)
नक्सलियों को हथियार बेचता था बीएसएफ का जवान, एनआइए ने कैसे किया गिरफ्तार
नक्सलियो को हथियार बेचता था बीएसएफ का जवान, एनआईए ने कैसे किया गिरफ्तार

रांची, राज्य ब्यूरो। माओवादियों व अपराधियों को अवैध तरीके से हथियार व सुरक्षा बलों का कारतूस बेच देने के मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बीएसएफ के हवलदार व जवान सहित चार आरोपितों को रिमांड पर लिया है। इन आरोपितों से 25 जनवरी तक एनआइए पूछताछ करेगी। जिन्हें रिमांड पर लिया गया है, उनमें पंजाब के फिरोजपुर में स्थित बीएसएफ की 116 बटालियन के हवलदार कोत प्रभारी कार्तिक बेहरा, उसी बटालियन का स्वैच्छिक सेवानिवृत्त जवान अरुण कुमार सिंह उर्फ फौजी, पटना के सलीमपुर थाना क्षेत्र के बेनीपुर करौता निवासी ऋषि कुमार व धनबाद के भूली आजादनगर निवासी पंकज कुमार सिंह शामिल हैं।

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भारी मात्रा में कारतूस बरामद

हवलदार कार्तिक बेहरा झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले के पदमपुर गांव का मूल निवासी है। उसे गत वर्ष 17 नवंबर को झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने फिरोजपुर स्थित बीएसएफ कैंप से गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर ही बीएसएफ के उक्त बटालियन परिसर से झारखंड एटीएस ने 8304 कारतूस, खाली खोखा, डेटोनेटर, मैगजीन व अन्य सामग्री की बरामदगी की थी। दूसरा आरोपित बीएसएफ का स्वैच्छिक सेवानिवृत्त जवान अरुण कुमार सिंह उर्फ फौजी है, जो मूल रूप से बिहार के छपरा जिले के सोनपुर स्थित शाहपुर गांव का रहने वाला है। उसके पास से एटीएस ने 909 कारतूस की बरामदगी की थी। एनआइए ने एटीएस के केस को टेकओवर करते हुए पिछले वर्ष नौ दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद से एनआइए का अनुसंधान जारी है।

अवैध तरीके से हथियार बेचने का मामला

पूरा मामला माओवादियों-अपराधियों को अवैध तरीके से हथियार व सुरक्षा बलों के कारतूस बेचे जाने से संबंधित है। इन हथियारों व कारतूसों का इस्तेमाल माओवादी व अपराधी लेवी वसूलने तथा सुरक्षा बलों पर हमले के रूप में करते रहे हैं। एनआइए ने अनलाफुल एक्टिविटिज अधिनियम में दर्ज अपनी प्राथमिकी में सीआरपीएफ व बीएसएफ के जवानों, गैंगस्टर अमन साव सहित पांच गिरफ्तार व दो फरार को आरोपित बनाया था।

ठेकेदार मुजाहिद खान व संजय ङ्क्षसह के माध्यम से माओवादी मंगाते थे हथियार-कारतूस

एनआइए ने दर्ज प्राथमिकी में बताया था कि ठेकेदार मुजाहिद खान व संजय ङ्क्षसह का माओवादियों के साथ घनिष्ठ संबंध है। वे माओवादियों को फंड के अलावा आवश्यक सामग्री हथियार व कारतूस की सप्लाई करते थे। मुजाहिद खान ने माओवादियों को इंसास राइफल के 250 कारतूस की सप्लाई की थी। इसके लिए मुजाहिद खान ने आरोपित ऋषि कुमार को एक लाख 75 हजार रुपये का भुगतान भी किया था। इसके बाद पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में आरोपित ऋषि कुमार व अविनाश कुमार की निशानदेही पर रांची के चुटुपालू घाटी स्थित शेख भीखन मेमोरियल के पास से 5.56 एमएम के 450 कारतूस की बरामद की थी, जिसे गैंगस्टर अमन साहू गैंग को सप्लाई किया जाना था। इसके अलावा आरोपितों ने आपराधिक संगठनों तक देसी पिस्टल की सप्लाई भी की है।


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