शादी की खुशियां मातम में बदली, डोली की जगह दुल्हन की अर्थी निकली; हल्दी की रस्म से पहले हुआ कुछ ऐसा
Jharkhand Hindi Samachar. शादी की तैयारियां अधूरी रह गई। बारात बिहार के गया जिला से आना था। दुल्हन की मौत से गांव में दुख का माहौल है। लड़क पक्ष भी मर्माहत है।
चतरा, जासं। कभी-कभी कुदरत का गजब करिश्मा देखने को मिलती है। जिसे कोई सहजभाव से यकीन नहीं कर सकता है। लेकिन ऊपर वाले की लीला से इंकार भी नहीं कर सकता है। वाक्या हंटरगंज प्रखंड के औरूगेरूआ गांव का है। गांव के एक घर से दुल्हन की डोली निकलनी थी, लेकिन ऊपर वाले को शायद यह मंजूर नहीं था। डोली की जगह होने वाली दुल्हन की अर्थी निकली।
दरअसल गांव निवासी बब्लू सिंह की 20 वर्षीया पुत्री बेबी कुमारी की 29 जून को बारात आनी थी। शादी को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। रिश्तेदारों एवं दोस्तों के परिवार के दर्जनों सदस्य आ चुके थे। बारातियों के सत्कार में किसी प्रकार का कोई कोर कसर न रहे, इस प्रकार की व्यवस्था की जा रही थी। हल्दी की रस्म की तैयारियां चल रही थी।
इसी बीच बेबी की तबीयत खराब हो गई। उसे तेज बुखार आ गया। परिवार के सदस्य उसे लेकर हंटरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आए। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद मगध मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। परिजन उसे मगध मेडिकल की जगह पटना ले गए। ताकि वह जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाए।
लेकिन विधि का विधान कुछ और ही था। 29 जून को उसकी बारात आनी थी। बारात बिहार के गया जिला से आना था। बारात निकलने से पहले ही बेबी दुनिया से हमेशा-हमेश के लिए विदा हो गई। 30 जून को वह दुल्हन बनकर डोली पर बैठती, लेकिन घर से उसकी डोली नहीं, बल्कि अर्थी निकली। बेबी की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है। वर पक्ष के लोग भी हतप्रभ हैं।