झारखंड में सरकारी स्कूल के बच्चों को घर पर मिलेंगी किताबें, डोर टू डोर होगा वितरण
Jharkhand School News Jharkhand Hindi News झारखंड में आंशिक लॉकडाउन लागू होने के कारण किताबों का वितरण बंद था। आपदा प्रबंधन विभाग ने डोर टू डोर वितरण की अनुमति दी है। इसमें कोविड से संबंधित दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से दस के विद्यार्थियों को डोर टू डोर किताबें पहुंचाने की अनुमति दे दी है। इसके बाद विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इसकी जानकारी देते हुए बच्चों के घरों में पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कोविड से संबंधित दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा।
दरअसल, मार्च माह में बच्चों के अभिभावकों को स्कूल बुलाकर किताबें दी जा रही थीं। इस बीच कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने तथा आंशिक लॉकडाउन लागू होने के बाद इस पर रोक लगा दी गई थी। बताया जाता है कि तब तक 40 फीसद बच्चों को ही किताबें मिल पाई थीं। कोराेना का संक्रमण कम होने के बाद किताबों के वितरण को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग से अनुमति मांगी गई।
इस पर आपदा प्रबंधन विभाग ने मुख्य सचिव के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि बच्चों के बीच डोर टू डोर किताबें पहुंचाने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। लेकिन कोविड को लेकर 12 तथा 25 मई को जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन होना चाहिए। इसमें कोरोना से बचाव को लेकर आवश्यक नियमाें का पालन शामिल है।
जैक बोर्ड की परीक्षा रद करे सरकार : भाजपा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार से जैक की परीक्षा रद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश के लाखों छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को रद करने का सराहनीय निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से देश के छात्रों को बड़ी राहत मिली है। कोरोना संक्रमण अभी थमा नहीं है, संक्रमण का असर कई बच्चों पर भी देखा गया है। आपदा में बच्चों की सुरक्षा हम सभी का दायित्व है। परीक्षा होने से बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका होगी। उन्होंने कहा कि सूत्र कह रहे हैं कि तीसरी लहर बच्चों पर सबसे ज्यादा असर डाल सकती है। ऐसे में ऑफलाइन परीक्षा कराना संभव नहीं है। जैक बोर्ड भी सीबीएसई के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन कर परीक्षा में पास कर सकती है। जैक बोर्ड को सीबीएसई की मदद लेनी चाहिए।