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भाजपा ने झारखंड सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर उठाए सवाल, लगाय ये आरोप

Jharkhand Political News भाजपा (BJP) ने झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के वित्तीय प्रबंधन (Financial Management) पर सवाल उठाए हैं। भाजपा विधायक अमित मंडल (MLA Amit Mandal) ने कैग रिपोर्ट (CAG Report) के अधार पर झारखंड सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर कई उठाए सवाल उठाय है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:40 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:41 AM (IST)
भाजपा ने झारखंड सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर उठाए सवाल, लगाय ये आरोप
Jharkhand Politics : भाजपा ने झारखंड सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर उठाए सवाल

रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand Political News : भाजपा (BJP) ने झारखंड सरकार (Jharkhand Government)  के वित्तीय प्रबंधन (Financial Management) पर सवाल उठाए हैं। भाजपा विधायक अमित मंडल (MLA Amit Mandal) ने कहा कि कैग रिपोर्ट (CAG Report) के अनुसार साल 2020-21 के लिए कुल प्राप्तियां 71,110 करोड़ थीं। इस दौरान पिछले साल 2019-20 की तुलना में राजस्व संग्रह (Revenue Collection) में करीब सात प्रतिशत की कमी आई।

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100 करोड़ से ज्यादा के गिट्टी-पत्थर झारखंड से भेज दिया बाहर

कहा कि कोयला, बोल्डर, चिप्स में रेल मार्ग व सड़क मार्ग द्वारा बिना परिवहन चालान के खनिज संपदा की लूट जारी है। संताल परगना में बिना माइनिंग चालान के छह कंपनियों ने अगस्त और सितंबर 2021 में 100 करोड़ से ज्यादा के गिट्टी-पत्थर झारखंड से बाहर भेज दिया।

टेंडर मैनेज के नाम पर सरकार को लगाया जा रहा है चूना

उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य में हाल के दिनों में डीजल और पेट्रोल के वैट में झारखंड राज्य की तुलना में 26 रुपये कम सब्सिडी देने की वजह से झारखंड के पेट्रोल पंप मालिकों को घाटा झेलना पड़ रहा है, क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों से वाहन बिहार व उत्तर प्रदेश ईंधन लेने चले जाते हैं। टेंडर मैनेज के नाम पर सरकार को चूना लगाया जा रहा है।

पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में रेवेन्यू व टैक्सेशन में 5000 करोड़ का घाटा

उन्होंने आगे कहा कि बिजली की बात करें तो आमद मद से रेवेन्यू व टैक्सेशन में 5000 करोड़ का घाटा पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में सरकार को हुआ है। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचनाओं को ठीक करने के नाम पर झारखंड सरकार ऊर्जा मित्रों से 5000 रुपये मोबाइल डिवाइस एवं प्रिंटर के सिक्योरिटी के नाम पर ले रही है।

एमएसएमई सेक्टर की 1700 यूनिट करोना काल में हो गईं बंद

सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि यह पैसा खजाने में जा रहा है या सत्ता पक्ष के नेताओं की जेब में। झारखंड में एमएसएमई सेक्टर की 1700 यूनिट करोना काल में बंद हो गईं, जिन्हें पुनर्जीवित करने की सरकार के पास कोई नीति नहीं है।

भवन, ग्रामीण पथ निर्माण एवं नगर विकास की स्थिति अत्यंत दयनीय

उन्होंने ये भी कहा कि दिसंबर 2021 तक बजट का मात्र 35 प्रतिशत ही राज्य सरकार खर्च कर पाई है। भवन, ग्रामीण पथ निर्माण एवं नगर विकास की स्थिति अत्यंत दयनीय है।


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