मंत्री आलमगीर आलम का BJP ने मांगा इस्तीफा, बाबूलाल ने कहा- तुरंत गिरफ्तार करें; मचा सियासी घमासान
बरहड़वा में बंदोबस्ती के दौरान मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बाबूलाल मरांडी ने मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी समेत न्यायाधीश से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। साहिबगंज के बरहड़वा नगर पंचायत की सैरात (हाट-बाजार) बंदोबस्ती की प्रक्रिया के दौरान हुई मारपीट की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस घटना को मुद्दा बनाते हुए मंत्री आलमगीर आलम व विधायक प्रतिनिधि की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बाबूलाल ने पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग भी की है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल ने कहा कि इस घटना से संबंधित धमकी भरा एक ऑडियो भी सामने आया है।
उन्होंने कहा कि मंत्री का काम कानून का शासन स्थापित करना और सरकारी राजस्व के हितों की रक्षा करना है, न कि सत्ता की ताकत का दुरुपयोग कर ठेका-पट्टा मैनेज कराकर सरकारी राजस्व को नुकसान पंहुचाना। इसकी लीपापोती का प्रयास करना ठीक नहीं होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि छह माह के भीतर ही राज्य सरकार का वास्तविक चेहरा सामने आ गया है। ठेका मैनेजमेंट कंपनी जनहित के कार्यों की बोली लगा रही है। सरकार को गंभीरता पूर्वक इसकी जांच करानी चाहिए। मंत्री तत्काल इस्तीफा दें या मुख्यमंत्री मंत्री आलमगीर आलम से इस्तीफा मांग लें।
आलमगीर आलम के पक्ष में सामने आई कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के साथ खुलकर सामने आई है। पार्टी का कहना है कि जो ऑडियो जारी हुआ है उसमें कोई आपत्तिजनक बात नहीं है। ठेकेदारों के टेंडर विवाद को भाजपा राजनीति रंग दे रही है। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि किसी राजनीतिक दबाव में सरकार नहीं आनेवाली है। प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पार्टी विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम एक जनप्रतिनिधि हैं और सार्वजनिक जीवन में रहने के कारण उनसे कोई भी व्यक्ति फोन कर अपनी बात रख सकता है।
उन्होंने बताया कि आलमगीर आलम को भी एक ठेकेदार ने फोन कर टेंडर में सहयोग करने का आग्रह किया, लेकिन मंत्री आलमगीर आलम ने साफ कह दिया गया कि क्षेत्र के 50-60 से अधिक लोग उनसे मिलने आये हैं और स्थानीय लोगों को काम देने का आग्रह किया है। जो लोग उनसे मिलने आये थे वह लोग पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे, उनके फोन से स्थानीय जनप्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने बात किया था और किसी तरह की कोई गलत या आपत्तिजनक बात नहीं हुई थी।