झारखंड में भाजपा के निशाने पर शिबू सोरेन का कुनबा
झारखंड में भाजपा ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के पूरे कुनबे की घेराबंदी शुरू की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। पड़ोसी राज्य बिहार में जिस प्रकार राजद प्रमुख लालू प्रसाद भाजपा के नशाने पर हैं, ठीक इसी तर्ज पर झारखंड में भी भाजपा ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के पूरे कुनबे की घेराबंदी शुरू की है। भाजपा ने सोरेन परिवार की संपत्ति को आधार बनाते हुए कई संगीन आरोप लगाए हैं। इसमें शिबू सोरेन के पुत्र और राजनीतिक उत्तराधिकारी हेमंत सोरेन के साथ-साथ उनकी पुत्रवधू सीता सोरेन भी शामिल हैं।
हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। हेमंत सोरेन पर राज्य में कई स्थानों पर नियम-कानून की अनदेखी कर संपत्ति खरीदने का आरोप भाजपा ने लगाया है। जबकि सीता सोरेन पर राज्यसभा चुनाव हार्स ट्रेडिंग में शामिल होने समेत अलग-अलग स्थानों पर संपत्ति को लेकर निशाना साधा जा रहा है। पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने इसकी शुरुआत की। इसके बाद दूसरी कतार के भाजपा नेताओं और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ताओं ने इसे मुद्दा बनाते हुए सवाल उछाले हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी इन आरोपों का राजनीतिक जवाब देने की तैयारी की है। फिलहाल झामुमो के नेता इसे सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ पार्टी के कड़े रुख को बड़ी वजह बता रहे हैं। झामुमो के रणनीतिकारों की मानें तो मनगढंत आरोप लगाने का नुकसान भाजपा को होगा। पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ उछाले जा रहे मामलों में कोई दम नहीं है।
बाबूलाल भी हैं टारगेट पर
राज्य में भाजपानीत गठबंधन सरकार के खिलाफ झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी काफी मुखर हैं। बाबूलाल मरांडी के विश्वस्त प्रदीप यादव सलाखों के पीछे हैं। वे विधानसभा में पार्टी विधायक दल के नेता भी हैं। प्रदीप यादव को गोड्डा में अडाणी पावर प्लांट के खिलाफ आंदोलन की वजह से गिरफ्तार किया गया था। इसके खिलाफ बाबूलाल मरांडी ने रघुवर सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोल रखा है। बाबूलाल भी भाजपा के निशाने पर हैं। भाजपा ने उनकी संपत्ति को लेकर भी सवाल उछाले हैं।
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