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भाजपा ने कहा, झूठ की खेती बंद करो, आजसू भी भड़का... संकटकाल में सियासत गर्म

Jharkhand News Jharkhand Samachar भाजपा प्रदेशध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सत्ताधारी झामुमो को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हरसंभव सहायता कर रही है। राज्य सरकार के कुप्रबंधन से जनता परेशान है। झामुमो को झूठ की खेती बंद करनी चाहिए। झामुमो नेताओं को गैरजिम्मेदाराना बयान से बचना चाहिये।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 04:40 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 04:40 AM (IST)
Jharkhand News, Jharkhand Samachar: दीपक प्रकाश, सुदेश महतो और हेमंत सोरेन।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Jharkhand Samachar भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सत्ताधारी झामुमो को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हरसंभव सहायता कर रही है। राज्य सरकार के कुप्रबंधन से जनता परेशान है। झामुमो को झूठ की खेती बंद करनी चाहिए। झामुमो के नेताओं को गैरजिम्मेदाराना बयान से बचना चाहिये। जनता ने अगर सत्ता सौंपी है तो जनता की इमानदारी से सेवा करनी चाहिये ना कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए केवल केंद्र पर दोषरोपण करना चाहिए। केंद्र सरकार झारखंड को तमाम सहायता उपलब्ध करा रही है। संसाधनों का प्रबंधन ठीक से नहीं कर पाने के कारण मरीज तड़प-तड़प कर मरने को विवश हैं। झामुमो का आरोप बिल्कुल निराधार है। उन्होंने मांग किया कि केंद्रीय सहायता का झारखंड सरकार श्वेत पत्र जारी करे तो सब दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा।

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केंद्र सरकार ने राज्य को 79 हजार रेमेडिसीवीर दिए जबकि झामुमो इसे 29 हजार बताकर झूठ फैला रहा है। यही झारखंड है जहां इस दवा की कालाबाजारी पर गिरफ्तारी हुई है। राज्य सरकार केवल दिखावे के लिए सीआइडी जांच से इसे रफादफा करना चाहती है। कहा कि यही हाल वैक्सीन का है। वैक्सीन रहते हुए भी सरकार ने गलत बयानी की। कुप्रबंधन की हालत यह है कि अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर की खुलेआम बोली लगाई जा रही। यह सरकार भर्ती मरीजों को भोजन और दवा भी उपलब्ध नही करा पा रही है।

राजनीतिक बयानों से नहीं जीत सकते कोरोना से लड़ाई : सुदेश

आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि ट्वि‍टर पर राजनीतिक बयानों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई नहीं जीती जा सकती। इसके लिए सरकार में विज्ञान सम्मत सोच की जरूरत है। कोरोना की दूसरी लहर से यह साबित हो चुका है कि सरकार पिछले एक साल में किसी भी प्रकार की तैयारी नहीं कर पाई। कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक एंपावर्ड कमिटी गठन होना चाहिए जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हों। सरकार को तीसरी और चौथी लहर से निपटने की भी तैयारी करनी चाहिए।

पत्रकारों को फ्रंटलाइन योद्धा की मान्यता, मृत पत्रकारों के परिजन को पेंशन-मुआवजा दे सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास ने की मांग, अबतक 19 पत्रकारों का हो चुका है निधनराज्य ब्यूरो, रांचीकोरोना संक्रमण की जद में तेजी से पत्रकार आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास ने पत्रकारों को कोरोना योद्धा का दर्जा देने और मृत पत्रकारों के परिजनों को मुआवजा और पेंशन देने की मांग उठाई है।

बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर पत्रकारों का टीकाकरण कराए। कई पत्रकार कोरोना से संक्रमित होकर अपनी जान गंवा बैठे हैं। विजुअल मीडिया हो या प्रिंट मीडिया, इसमें काम करने वाले सभी पत्रकार अपने जान की परवाह किए बिना समाचार संकलन करते हैं और लोगों तक देश-प्रदेश, एवं समाज के सभी तरह के समाचारों से सरकार और शासन को अवगत कराते हैं।

कोरोना महामारी से राज्य के अलग-अलग जिलों में 19 पत्रकारों की मौत दुखदायी है, जो अपने जान की बाजी लगाकर इस महामारी में सरकार और प्रदेश वासियों को कोरोना से लड़ने में अपना दायित्व निभा रहे थे। जान गंवाने वाले कई पत्रकारों का टीकाकरण भी नही हो पाया था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने उन सभी दिवंगत मीडिया कर्मियों के परिजनों को अति शीघ्र पांच-पांच लाख की अनुग्रह राशि देने का आग्रह राज्य सरकार से किया है, जिनका निधन कोरोना काल में हुआ है।

उन्होंने कहा कि असंवेदनशीलता के कारण लगातार पत्रकारों की मौत हो रही है। सरकार अगर कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद राज्य के पत्रकारों को फ्रंटलाईन वॉरियर्स की मान्यता दे देती तथा प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण और कोरोना पीड़ित पत्रकारों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था करती तो उन्हें कोरोना महामारी की चपेट में आने से रोका जा सकता था। पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना को तत्काल लागू करने की मांग की है। 


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