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एक लाख रुपये जुर्माने की व्यवस्था को भाजपा ने कहा काला अध्यादेश

भाजपा अध्यादेश में निहित प्रावधान एक लाख रुपये के जुर्माने और दो साल की कैद के कानून को जनविरोधी बता रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 12:46 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 12:46 AM (IST)
एक लाख रुपये जुर्माने की व्यवस्था को भाजपा ने कहा काला अध्यादेश
एक लाख रुपये जुर्माने की व्यवस्था को भाजपा ने कहा काला अध्यादेश

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इसे काला अध्यादेश बताते हुए पूरे राज्य में फेसबुक लाइव के माध्यम से इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। पार्टी कार्यकर्ता रविवार अपराह्न चार बजे इस अध्यादेश को निरस्त करने की मांग को लेकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। भाजपा अध्यादेश में निहित प्रावधान एक लाख रुपये के जुर्माने और दो साल की कैद के कानून को जनविरोधी बता रही है।

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस संदर्भ में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। कहा है कि यह अध्यादेश अंग्रेजों के शासन की याद दिलाता है। प्रदेश भाजपा के दोनों शीर्ष नेताओं के स्तर से लिखे गए पत्र में राज्यपाल से अनुरोध किया गया है कि मास्क नही लगाने पर एक लाख रुपये जुर्माना या दो साल की सजा से संबंधित अध्यादेश को निरस्त करने के लिए वे राज्य सरकार को निर्देशित करें। पत्र राज्यपाल को ईमेल द्वारा प्रेषित किया गया है। प्रेषित पत्र में कहा गया है कि यह जनविरोधी, गरीब, मजदूर विरोधी अध्यादेश है। राज्य की जनता स्वयं कोरोना संक्रमण से परेशान है इस बीच यह अध्यादेश जनता की परेशानियों को और अधिक बढ़ानेवाला है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि सवा तीन करोड़ जनता को मास्क के लिए दबाव न बनाकर स्वयं से बनाए हुए फेस कवर अथवा गमछा, तौलिया, रुमाल से चेहरे को ढककर बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया जाता।

पत्र में कहा गया है कि जिस प्रकार से कोरोना महामारी विकराल रूप धारण करती जा रही है, ऐसे में सरकार को राज्य में समुचित इलाज की व्यवस्था पर जोर देना चाहिए न कि अंग्रेजी हुकूमत की तरह कठोर कानून बनाकर जनता को और अधिक परेशान करने पर। सरकार की प्राथमिकता गरीबों, मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना होनी चाहिए थी, लेकिन इस ओर सरकार का कोई ध्यान नही है।

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