झारखंड का गौरव है बीआइटी मेसरा : सीएम
जागरण संवाददाता रांची बीआइटी मेसरा के स्थापना दिवस के मौके पर गुरुवार को बतौर मुख्य अि
जागरण संवाददाता, रांची : बीआइटी मेसरा के स्थापना दिवस के मौके पर गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह संस्थान झारखंड के लिए गौरव है। 1955 में बीएन बिड़ला ने जिस समय संस्थान की स्थापना की, उस जमाने में इस इलाके में शिक्षा को लेकर उतनी जागरूकता नहीं थी। यह उनकी दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज संस्थान से झारखंड के अलावा देश-दुनिया के छात्र भी लाभान्वित हो रहे हैं। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बीआइटी मेसरा की उपलब्धियों के बारे में जितना भी कहा जाए, कम है।
सीएम ने कहा कि कुछ दिनों तक मैं खुद बीआइटी मेसरा का छात्र रहा हूं। कम समय में ही बीआइटी ने मुझे काफी कुछ दिया। आज मुझमें प्रदेश की नेतृत्व क्षमता है तो ये बीआइटी का अनुशासन और शिक्षकों के मार्गदर्शन का ही परिणाम है। बीआइटी सिर्फ तकनीकी शिक्षा से ही लैस नहीं करता, बल्कि नौजवान को अच्छा नागरिक भी बनाता है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में झारखंड शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। हमारा प्रयास है कि बीआइटी जैसे और संस्थान खुले। इसके लिए मैं खुद प्रयासरत हूं।
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देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में होती है गिनती
बीआइटी मेसरा के चेयरमैन सीएके बिड़ला ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में बीआइटी का देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में गिनती होना काफी गर्व की बात है। देश को तकनीकी शिक्षा में आत्मनिर्भर बनाने के सपने से मेरे दादा बीएन बिड़ला ने मैकेनिकल इंजीनियरिग की पढ़ाई से संस्थान की शुरुआत की। आज संस्थान में 17 सुव्यवस्थित विभागों में वर्ल्ड क्लास की पढ़ाई होती है। देशभर में कई एक्सटेंशन सेंटर खोले गए हैं।
संस्थान के अब तक के सफर को सुनहरा बताते हुए सीएके बिड़ला ने कहा कि बीआइटी मेसरा ने शिक्षा के क्षेत्र में कई कीर्तिमान हासिल किए हैं। देश का पहला ऑटोनोमस संस्थान हो या फिर डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस इंजीनयरिग एवं रॉकेट साईंस की स्थापना, प्रथम उपलब्धि बीआइटी के खाते में ही जाती है। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस महज एक कार्यक्रम नहीं बल्कि आगे और क्या बेहतर कर सकते हैं इसपर मंथन करने का अवसर है।
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इसी सत्र से कई नए कोर्स शुरू इस अवसर पर बीआइटी मेसरा के कुलपति डा. इंद्रनील मन्ना ने इसी सत्र से अर्थशास्त्र, सामाजिक शास्त्र और डाटा एनालिटिक्स की पढ़ाई शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने संस्थान के विकास और उपलब्धियों के बारे में भी बताया।
-- विशिष्ट योगदान के लिए इन्हें किया गया पुरस्कृत
इस मौके पर बीआइटी के कई पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया, जो इस वक्त अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। इंजीनियरिग, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता में योगदान को ले टेगा इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मदन मोहन मोहनका को सम्मानित किया। वहीं कार्पोरेट जगत, उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों में नेतृत्व के लिए अमेजन में कार्यरत रोहित प्रसाद को। इंजीनियरिग और प्रौद्योगिकी में शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय में कार्यरत के नायर को, भारत और विदेश में समाजसेवा के लिए हरियाणा पुलिस के अर्शिंदर सिंह चावला को, 40 वर्ष से कम उम्र के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र और विशिष्ट सेवा की श्रेणी में ईज बज में कार्यरत अमित कुमार को तथा प्रतिष्ठित पूर्व छात्र द्वारा विशिष्ट सेवा (प्रतिष्ठित एलुमनी पुरस्कार)के तहत आइएएस नेहा प्रकाश को सम्मानित किया गया। ये सभी पूर्व में बीआइटी के छात्र रहे हैं।
-- आयोजन को सफल बनाने में इनकी रही भूमिका
स्थापत्य कला विभाग के सहायक प्रोफेसर डा स्मृति मिश्रा, मृणाल पाठक, विशाल एच शाह, प्रियांक सक्सेना, डा सत्यकी सरकार, डा सुदीप दास, उत्पल बॉल, डा. पीयूष तिवारी।