बर्ड हिट से हो सकती है बड़ी दुर्घटना
रांची एयरपोर्ट पर बर्ड हिट से दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। इससे निपटने के लिए प्रबंधन द्वारा कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए हैं। अभी भी पुराने तरीके से निपटा जा रहा है।
नरेंद्र मिश्रा, रांची
रांची एयरपोर्ट पर बर्ड हिट से दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। न तो एयरपोर्ट पर पूरे समय बर्ड चेजर की टीम तैनात रहती है और न ही उनके पास आधुनिक तकनीक है। 24 घंटे विमान सेवा शुरू करने की तैयारी तो रांची एयरपोर्ट पर कर ली गई है, लेकिन अभी भी बर्ड हिट से निपटने के लिए कोई ठोस रास्ता नहीं अपनाया गया है। आलम यह है कि रांची एयरपोर्ट के आसपास मांस की बिक्री हो रही है। इसे हटाने के लिए कई बार योजनाएं बनी और कार्रवाई तो हुई, लेकिन असर लंबे समय तक देखने को नहीं मिला। रात में बर्ड हिट के मामले भी अब आने लगे है। चिंता की बात यह है कि रात में इसे रोकने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है।
हाल ही में ही बड़ी दुर्घटना का शिकार होने से बचा विमान
ज्यादा दिन नहीं हुए अभी 2 अप्रैल को भी इंडिगो का विमान बर्ड हिट का शिकार होते-होते बच गया। रात 8 बजकर 45 मिनट के आसपास जब इंडिगो का विमान रांची एयरपोर्ट पर लैंड कर रहा था तो एक पक्षी विमान से टकरा गया। गनीमत रही की पक्षी विमान के इंजन से नहीं टकराया। नहीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। विमान से पक्षी टकराने की संभावना अक्सर विमान के टेकऑफ और लैंडिंग के समय होती है। रांची एयरपोर्ट पर बर्ड हिट की संभावना को खत्म करने के लिए बर्ड चेजर की टीम रनवे पर केवल सात बजे सुबह से सात बजे शाम तक ही तैनात रहती है। ज्ञात हो की रांची एयरपोर्ट पर अभी तक अंतिम विमान रात 9 बजकर 30 मिनट पर उड़ान भरता है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने रात में विचरण करने वाले पक्षियों से विमान की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। ऐसे में बर्ड हिटिंग से बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
मैन्युअल तरीके से होती है आसमानी हिफाजत-
रांची एयरपोर्ट के पास बर्ड हिट से निपटने के लिए ऑटोमेटिक इलेक्ट्रानिक डिवाइस उपलब्ध नहीं है। चेजर टीम के सदस्यों द्वारा रिफ्लेक्टर रीवन, गुलेल, पटाखा, जोन गन, लेजर टॉर्च, विंगावेलर के सहारे पक्षियों को दूर भगाया जाता है। विमान लैंडिग के दौरान भी एयरपोर्ट के अंदर पक्षियों का झुंड मंडराता रहता है।
मांस, मछली की गंध से पक्षी होते हैं आकर्षित
एयरपोर्ट के आसपास मांस, मछली की दुकान बर्ड हीट का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। एयरपोर्ट के तीन किमी का दायरा मांस बिक्री के लिए प्रतिबंधित होता है, लेकिन बिरसा चौक, विधान सभा के पास, सेक्टर टू मार्केट, हिनु चौक, डोरंडा, आदि क्षेत्रों में खुले में मांस- मछली बिकते है। जिसकी गंध पाकर पक्षी इस ओर आकर्षित होते हैं। नियमित खुराक मिलने के कारण पक्षी एयरपोर्ट के आसमान में मंडराते रहते हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी और निगम की इंफोर्समेंट की टीम समय-समय पर प्रतिबंधित क्षेत्र में खुले में मांस, मछली बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर जुर्माना भी वसूलती है, लेकिन मांस मछली की दुकान पहले की तरह फिर से सज जाती है। जिससे बर्ड हिटिंग की संभावना हमेशा बनी रहती है।
पूर्व में बालबाल बचे थे यात्री
पिछले साल 15 जुलाई को टेकऑफ के समय एयर एशिया के विमान से पक्षी टकरा गया था। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए विमान की इमरजेंसी ब्रेक लगाकर विमान पर कंट्रोल पाया था। जिस कारण से विमान में मौजूद 174 यात्रियों की जान बच गई थी। एयरपोर्ट के दायरे से पक्षियों को भगाने के लिए बर्ड चेजर की टीम सुबह से शाम तक मौजूद रहती है। इस दौरान आसमान में पक्षी नजर आते ही डिवाइस के सहारे उसे भगाया जाता है। रात में रनवे के पास बर्ड चेजर की टीम किसी भी एयरपोर्ट के पास नहीं रहती है। रात को बर्ड हिटिंग की संभावना बहुत ही कम होती है।
-मनोज प्रसाद सिंह, टर्मिनल मैनेजर, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची ।