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Lalu Yadav: सीबीआइ के इस बड़े दांव से मात खा गए लालू के वकील कपिल सिब्‍बल, सारी दलीलें खारिज

Lalu Lalu Yadav Lalu Prasad Yadav राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से करारा झटका लगा है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में उनकी आधी सजा पूरी नहीं हुई। जमानत नहीं दे सकते।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 05:22 AM (IST)
Lalu Yadav: सीबीआइ के इस बड़े दांव से मात खा गए लालू के वकील कपिल सिब्‍बल, सारी दलीलें खारिज
Lalu, Lalu Yadav, Lalu Prasad Yadav: लालू यादव को अभी जेल में ही रहना होगा।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Lalu, Lalu Yadav, Lalu Prasad Yadav: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से करारा झटका लगा है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में उनकी आधी सजा पूरी नहीं हुई। ऐसे हालात में जमानत नहीं दे सकते। अब लालू यादव को जेल में ही रहना होगा। उच्‍च न्‍यायालय ने लालू की आधी सजा पूरी होने में अभी दो माह कम होने के चलते उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अभी एक माह 28 दिन सजा अवधि कम है। वे सजा पूरी होने के बाद फिर से नई जमानत याचिका दाखिल करें। इस दौरान अदालत में लालू के वकील कपिल सिब्‍बल और सीबीआइ में जोरदार बहस हुई। कपिल सिब्‍बल ने दो महीने बाद की तारीख कोर्ट से मांगी, लेकिन सीबीआइ ने फैसले के समय ऐसी दलीलें को बेमतलब करार दिया और कोर्ट से जमानत याचिका खारिज करने की गुहार लगाई।

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चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को फिलहाल अभी जेल में ही रहना होगा। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लालू प्रसाद को जमानत देने से इन्कार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि लालू की सजा की आधी अवधि पूरी करने में एक माह 28 दिन कम हैं। ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से लालू की जमानत पर सुनवाई के लिए दो माह बाद की तिथि निर्धारित करने की मांग की। लेकिन सीबीआइ ने इसका जोरदार विरोध करते हुए कहा कि उन्हें पहले ही समय की मांग करनी चाहिए थी। अब जब बहस पूरी होने के बाद अदालत फैसला सुनाने जा रही है, तो ऐसा नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने लालू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इधर, लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की जाएगी।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद और सीबीआइ की ओर से उनकी कस्टडी से संबंधित निचली अदालत के सत्यापित आदेश की प्रति कोर्ट में जमा की गई। लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल व अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि उनके अनुसार लालू प्रसाद ने अब तक 42 माह 11 दिन जेल में बिताएं है, जो सजा की आधी अवधि से ज्यादा है।

ऐसे में आधी सजा पूरी करने, बढ़ती उम्र और कई तरह की बीमारियों को देखते हुए लालू प्रसाद को जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। कपिल सिब्बल की ओर से यह भी कहा गया कि इससे पहले हाई कोर्ट ने आरके राणा, जगदीश शर्मा, दयानंद कश्यप और सुनील गांधी को आधी सजा पूरी नहीं करने पर भी जमानत दी है। इसलिए लालू के मामले में भी अदालत को जमानत देने पर विचार करना चाहिए। 

सीबीआइ के अधिवक्ता राजीव सिन्हा की ओर से इसका विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की ओर से जिस अवधि को जेल रहने का दावा किया जा रहा है। निचली अदालत के आदेश में दुमका कोषागार मामले में जेल भेजे जाने का कोई जिक्र नहीं है। इसलिए उक्त अवधि की गणना नहीं की जा सकती है। उनके अनुसार दुमका वाले मामले में लालू प्रसाद ने अब तक 37 माह 19 दिन ही जेल में बिताएं है ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि कोर्ट ने सारी परिस्थितियों को देखते हुए आरके राणा, जगदीश शर्मा, दयानंद कश्यप और सुनील गांधी को आधी सजा पूरी नहीं होने के बाद भी जमानत दी है। कोर्ट की गणना के अनुसार लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार मामले में अब तक 40 माह ही जेल में गुजारे हैं, जो कि आधी सजा से दो माह कम है। इसलिए लालू को जमानत नहीं दी जा सकती है।

लालू के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में सुनवाई टली

लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में शुक्रवार को सुनवाई टल गई। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन इसी अदालत में लालू प्रसाद की जमानत पर ही सुनवाई होती रही। समयाभाव के चलते इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी। अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि इस मामले में कोर्ट के आदेश के तहत रिम्स की ओर से लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लालू प्रसाद की स्वास्थ्य खराब था। इसको देखते हुए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया और उन्हें दिल्ली स्थित एम्स भेजने पर सहमति बनी। इसके बाद इसकी जानकारी सरकार को देते हुए उन्हें एम्स भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि अब इस मामले में 26 फरवरी को सुनवाई होगी।


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