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भाकपा माओवादियों को बड़ा झटका, 10 लाख के इनामी नक्‍सली जीवन कंडुलना ने किया सरेंडर

BIG SHOCK to CPI Maoist झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जीवन कंडुलना भाकपा माओवादी संगठन में जोनल कमांडर पद पर था। वह खूंटी सरायकेला चाईबासा सहित अन्य इलाकों में सक्रिय था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 01:39 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 01:36 PM (IST)
भाकपा माओवादियों को बड़ा झटका, 10 लाख के इनामी नक्‍सली जीवन कंडुलना ने किया सरेंडर
BIG SHOCK to CPI Maoist रांची पुलिस के सामने उसने सरेंडर किया है।

रांची, जासं। BIG SHOCK to CPI Maoist खूंटी, सरायकेला, चाईबासा और आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय रहे दस लाख का इनामी नक्सली जीवन कंडुलना ने रांची पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। उसके साथ अन्य माओवादियों के भी सरेंडर किए जाने की बात सामने आ रही है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। खूंटी जिले के रनिया का रहने वाला जीवन भाकपा माओवादी संगठन में जोनल कमांडर के पद पर था। सारंडा के जंगली इलाके में उसने  रेड कोरिडोर बना रखा था। जीवन को झारखंड पुलिस के अलावा ओडिशा पुलिस भी तलाश कर रही थी। कुछ दिन पहले इसकी तलाश में झारखंड और ओडिशा पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन भी चलाया था।

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जानकारी के मुताबिक करीब एक महीने पहले जीवन कंडुलना के पोड़ाहाट जंगल में होने की सूचना के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। उस समय वह फरार हो गया था। जीवन बीते अक्टूबर में बोयदा पाहन के आत्मसमर्पण करने के बाद से ही सरेंडर करने की तैयारी में था। जीवन के बारे में बताया जा रहा है कि वह पुलिस के संपर्क में लगातार रह रहा था। जीवन के सरेंडर के पीछे भी बोयदा की भूमिका बताई जा रही है। इधर, जीवन के सरेंडर से चाईबासा इलाके में सक्रिय दस्ते को बड़ा झटका लगा है।

आंतरिक कलह की वजह से दो फाड़ हो रहा संगठन में

जीवन के सरेंडर के पीछे माओवादी संगठन में आंतरिक कलह की बात सामने आ रही है। फरवरी 2018 के बाद भाकपा माओवादी संगठन में कई फेरबदल हुए थे। इस दौरान गिरिडीह के पतिराम मांझी उर्फ अनल दा को कोल्हान के इलाके में भेजा गया था। पतिराम के कोल्हान आने के बाद उत्तरी छोटानागपुर जोन में सक्रिय कई उग्रवादियों को कोल्हान इलाके में भेजा गया था। संगठन में बाहर के उग्रवादियों के आने से स्थानीय कैडरों खास कर माओवादियों के आदिवासी कैडर में नाराजगी थी। संगठन के भीतर नाराजगी के कारण ही आदिवासी कमांडर रहे बोयदा पाहन, जीवन कंडुलना, जीतराय मुंडा जैसे माओवादियों ने संगठन छोड़कर खुद को सरेंडर कर दिया।

नाबालिग बच्चियों को अगवा कर करता था यौन शोषण

26 जनवरी 2018 को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में सुरक्षाबलों के जवानों ने एक नाबालिग लड़की को भी बरामद किया था। 13 साल की नाबालिग लड़की ने माओवादी कमांडर जीवन कंडुलना सहित उसके दस्ते पर एक साल से यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। लड़की से बर्तन और अपने कपड़े धुलवाने के अलावा उसके साथ जीवन और दस्ते के अन्य सदस्य हथियार के बल पर जबरन शारीरिक संबंध बनाते थे। नाबालिग ने बताया था कि जीवन कंडुलना के दस्ते में कुल 11 सदस्य हैं, जो पोड़ाहाट के जोगोबेड़ा, जोजोगड़ा, रायबेड़ा, सेरेंगदा आदि क्षेत्र में रहते हैं तथा सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों को बाधित करते हैं।


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