कोयला घोटाला उजागर करने में इन्होंने निभाई अहम भूमिका
अगर उस वक्त मधु कोड़ा संभल जाते तो आज यह नौबत ही नहीं आती।
रांची, प्रदीप सिंह। मेरी सहानुभूति मधु कोड़ा के साथ है। जब वे मुख्यमंत्री थे तो मैं अक्सर उन्हें पत्र लिखकर कहता था कि अनियमितता हो रही है। खान-खनिज का मामला नियम से चलता है। अगर उस वक्त वे संभल जाते तो आज यह नौबत ही नहीं आती। कोड़ा के लूटकांड को उजागर करने वाले झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय यहीं नहीं रुकते। वे कहते हैं कि कोड़ा एक खास समूह के फेर में फंस गए थे। अगर वे सतर्क होते तो आज इतनी फजीहत नहीं होती।
जब मधु कोड़ा को कोयला घोटाले में दोषी करार देने की सूचना आई तो सरयू राय झारखंड विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने की तैयारी में जुटे थे। त्वरित प्रतिक्रिया लेनी चाही तो थोड़ी देर ठहरे, फिर हर पहलू पर बातचीत की। कहा, यह तो होना ही था। संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को कानून को बाइपास कभी नहीं करना चाहिए। ऐसा किया तो संकट में पड़ेंगे। मधु कोड़ा को जब भी पत्र लिखता था तो तमाम चीजों का विस्तार से जिक्र करता था। उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया। आज नतीजा सामने है।
कोई गलत करेगा तो आज नहीं कल पकड़ा जाएगा
सरयू राय चारा घोटाले के खुलासे के भी सूत्रधार रहे हैं। वे कहते हैं-कोई गलत करेगा तो आज नहीं कल पकड़ा ही जाएगा। आज इसके कई उदाहरण हैं। लोग पकड़े जा रहे हैं। कानून का पालन हर हाल में करना चाहिए। खासकर नियमों के मामले में कोताही बरतना घातक है। अगर कोई नियम बाधक है तो उसे बदलवा दीजिए लेकिन उसमें छेड़छाड़ कर कोई बच नहीं सकता। झारखंड सरीखे खान-खनिज की बहुलता वाले राज्य में इसकी ज्यादा संभावना है।
सरकारों के लिए है सबक
सरयू राय मधु कोड़ा को दोषी करार दिए जाने को सरकारों के लिए भी सबक मानते हैं। उनका कहना है कि जहां जरूरत होती है वे जरूर आवाज उठाते हैं। सरकार के अंदर और बाहर भी बातें कहते हैं। उनके मुताबिक खनिज का एमएमडीआर एक्ट है। उसका पालन करना चाहिए। नियमों को दरकिनार करना हित में नहीं होगा। ऐसा किया तो परेशानी बढ़ेगी। भविष्य में भी ये संकट का सबब बन सकते हैं। वे कहते हैं-मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई। सचेत करना मेरा काम था। आज भी करता हूं और भविष्य में भी करता रहूंगा।
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