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बड़ा खुलासा: 9 पारा शिक्षकों ने फर्जी प्रमाणपत्रों पर 15 साल किया काम

बीईईओ को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। जांच के बाद पारा शिक्षकों का यह मामला उजागर हुआ जिसके बाद समिति अब इन्‍हें चयनमुक्त करने की तैयारी कर रही है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 06:32 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 04:47 AM (IST)
बड़ा खुलासा: 9 पारा शिक्षकों ने फर्जी प्रमाणपत्रों पर 15 साल किया काम
बड़ा खुलासा: 9 पारा शिक्षकों ने फर्जी प्रमाणपत्रों पर 15 साल किया काम

चतरा, जेएनएन। जिले में फर्जी पारा शिक्षकों की जांच शुरू कर दी गई है। वर्तमान में नौ फर्जी पारा शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। जिनमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय उरुब के दिलेश्वर कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय हर्षनाथपुर के संजय कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कसियाडीह के मिथलेश कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बसरिया के रमेश राम व सोमर उरांव, उत्क्रमित मध्य विद्यालय तपसा के ओमप्रकाश राम व संजय कुमार तिवारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय हुरणाली के कुमार ओमप्रकाश तथा उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा के राखी कुमारी का नाम शामिल है।

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जिला शिक्षा अधीक्षक जितेंद्र कुमार सिन्हा ने इन सभी फर्जी पारा शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को निर्देश जारी किया है। डीएसई ने बताया कि वर्ष 2019 में विभाग ने पारा शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यताएं वेब पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश प्राप्त हुआ था। निर्देश के आलोक में सभी पारा शिक्षकों का मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मांग की गई।

इसमें उनकी योग्यता, प्रशिक्षण आदि खंगाले गए। इधर जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय से जारी निर्देश में डीएसई ने कहा है कि पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र वेब पोर्टल पर अपलोड करने के दौरान नौ शिक्षकों का अपलोड नही हो था। उसके बाद उक्त सभी की उनकी योग्यता, प्रशिक्षण आदि खंगाले गए। जिसमें पाया गया कि नौ पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र जो वर्तमान में उपलब्ध कराया गया है एवं चयन के समय शैक्षणिक योग्यता दोनों अलग-अलग है।

उन्होंने बताया कि पारा शिक्षकों के चयन के समय इन पारा शिक्षकों ने विज्ञान संकाय का प्रमाण पत्र दिखाया था। जबकि जांच हेतु कला संकाय का प्रमाण पत्र समर्पित किया गया है। बताया कि नौ पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच होने के बाद मामले का खुलासा हुआ है। उन्होंने संबंधित बीईईओ को एक सप्ताह के इन फर्जी भीतर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है।


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