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Jharkhand University of Technology में घंटी आधारित शिक्षक रखे जाएंगे, 22 व 24 को इंटरव्यू

Teachers Recruitment Jharkhand University of Technology साक्षात्कार के बाद अगले माह तक यूनिवर्सिटी को 12 शिक्षक मिल सकते हैं। शिक्षकों को कम से कम 30 हजार रुपये और अधिक से अधिक 36 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 08:14 AM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 08:58 AM (IST)
Jharkhand University of Technology में घंटी आधारित शिक्षक रखे जाएंगे, 22 व 24 को इंटरव्यू
Teachers Recruitment, Jharkhand University of Technology साक्षात्कार के बाद अगले माह तक यूनिवर्सिटी को 12 शिक्षक मिल सकते हैं।

रांची, जासं। झारखंड यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति वाक इन इंटरव्यू के आधार पर की जाएगी। इस बार सामान्य उम्मीदवारों के साथ-साथ सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी रखने की तैयारी की जा रही है। साक्षात्कार के लिए तिथि भी तय कर दी गई है। साक्षात्कार के बाद अगले माह तक यूनिवर्सिटी को 12 शिक्षक मिल सकते हैं।

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यूनिवर्सिटी की ओर से तय शेड्यूल के अनुसार घंटी आधारित अनुबंध पर होने वाली नियुक्ति के लिए 22 और 24 नवंबर तक इंटरव्यू आयोजित की जा रही है। विवि में 12 शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसमें 9 असिस्टेंट प्रोफेसर और तीन एसोसिएट प्रोफेसर होंगे। शिक्षकों को कम से कम 30 हजार रुपये और अधिक से अधिक 36 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थी की आयु 50 वर्ष से कम होनी चाहिए।

वहीं सेवानिवृत्त शिक्षक की अधिकतम आयु 65 वर्ष से कम होनी चाहिए। जबकि एसोसिएट प्रोफेसर के लिए अभ्यर्थी की आयु 55 वर्ष से कम होनी चाहिए, जबकि सेवानिवृत्त शिक्षक की आयु की अधिकतम सीमा 65 वर्ष रखी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले विश्वविद्यालय के प्रथम स्टैच्यू और संबंधित नियमावली अधिसूचित नहीं होने के कारण नियुक्ति में समस्या आ रही थी। इसके कारण विवि में इस अकादमिक सत्र से शुरू होनेवाले पांच नए पाठ्यक्रम अब तक शुरू नहीं किए जा सके थे।

विश्वविद्यालय में इस सत्र से स्नातकोत्तर स्तर पर डिपार्टमेंट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग, डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत विभिन्न नए कोर्स शुरू करने की अनुमति उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग से मिली थी। समझा जा रहा है कि विवि अगले सत्र शुरू होने से पहले शिक्षकों की भर्ती करके इस समस्या को दूर करना चाह रहा है।


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