दो चिकित्सकों के सहारे बेड़ो सीएचसी, स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
बेड़ो प्रखंड मुख्यालय सहित प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में वैश्रि्वक महामारी कोरोना के बढ़ते
बेड़ो : बेड़ो प्रखंड मुख्यालय सहित प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में वैश्रि्वक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं व चिकित्सकों की जरूरत है। लेकिन प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेड़ो को दो चिकित्सकों के भरोसे छोड़ दिया गया है। वहीं, लगभग सभी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर राची भेज दिया गया है। इससे सीएसची की ओपीडी व जाच सहित इमरजेंसी व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। इससे कोरोना सक्रमित सहित अन्य मरीजों का सही ढंग से इलाज नहीं हो पा रहा है। प्रखंड के मरीजों के सामने अपना और अपने स्वजनों का जीवन बचाने पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रखंड के डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों का डिप्टेशन करना सरकारी तंत्र की लापरवाही है। इसके अलावा कई डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित हैं। जबकि पूरे प्रखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 166 लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के लिए चिकित्सकों को स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत है। सीएचसी में चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की पहले से कमी थी। कोरोना महामारी के इस संकट में प्रतिनियुक्ति से स्थिति और भी खराब हो गई है। वहीं, इस महामारी से बचने के लिए सीएचसी में मरीजों को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड तक नहीं बनाया जा सका। जबकि पिछले वर्ष प्रखंड मुख्यालय सहित प्रखंड के 17 पंचायत भवनों व स्कूलों को कोरोना वायरस से बचाव व रोकथाम के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था। वहीं, इस वर्ष कोरोना वायरस से बचने के लिए ग्रामीणों को जो स्वास्थ्य सुविधा मिलनी चाहिए नहीं मिल पा रही है। यहा कोई इंतजाम नहीं किया गया, बल्कि यहा के चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी तक को राची भेज दिया गया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से लोग बदहाल हो गए हैं। इसकी चपेट में आने से बचने के लिए लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। इससे प्रखंड क्षेत्र की जनता अपने स्वास्थ्य सुविधा को लेकर चिंतित है। इधर, कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना का नए वैरियंट के घातक होने के कारण हर दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं। इस कारण इस अस्पताल की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। पर, चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों के अभाव में यह बाधित हो रहा है।