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बीएयू छात्रों को रोजगारपरक गुर सीखाने के लिए वोकेशनल कोर्स में स्नातक की दे रहा डिग्री

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय सेवा आयोग से मान्यता प्राप्त वोकेशनल कोर्स में छात्रों को स्नातक की डिग्री दी जा रही है। इसके तहत दो कोर्स बैचलर आफ वोकेशनल कोर्स इन ह्यूमन न्यूट्रीशन एंड डायटेटीज पाठ्यक्रम की पढ़ाई हो रही है। पिछले वर्ष इस कोर्स की शुरुआत की गई थी।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 08:49 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 08:49 AM (IST)
बीएयू छात्रों को रोजगारपरक गुर सीखाने के लिए वोकेशनल कोर्स में स्नातक की दे रहा डिग्री
बीएयूवोकेशनल कोर्स में स्नातक की डिग्री दे रहा

रांची(जासं) । बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय सेवा आयोग से मान्यता प्राप्त वोकेशनल कोर्स में छात्रों को स्नातक की डिग्री दी जा रही है। इसके तहत दो कोर्स बैचलर आफ वोकेशनल कोर्स इन ह्यूमन न्यूट्रीशन एंड डायटेटीज पाठ्यक्रम की पढ़ाई हो रही है। पिछले वर्ष इस कोर्स की शुरुआत की गई थी। कालेज में दूसरे वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षण के लिए  3 लड़के और 12 लड़कियों ने एक साथ मिलकर विभाग में चार दिनों तक कैंटीन संचालन का काम करने की भी योजना बनाई है।

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कैंटीन में प्रत्येक दिन छात्रों  को अलग - अलग स्वादिष्ट व्यंजनों को बनाकर प्रदर्शित करना होगा। इस दौरान छात्रों को 16 प्रकार के व्यंजन कैंटीन में प्रस्तुत करने हैं। इनमें पाव भाजी, टोफू पकोड़ा, मूंग दाल बर्फी, मैगो स्क्वाश, चॉकलेट मफिन, वेज रागी मोमोस, वेज मंचूरियन, रागी रावा इडली, पनीर चिली एवं बर्गर आदि प्रमुख व्यंजनों को परोसना शामिल है। व्यंजनों को आम लोगों को निर्धारित दर पर बेचा भी जाएगा।  इसे विश्वविद्यालयकर्मी एवं आम लोग खरीद सकेंगे।

इस दौरान छात्रों के हुनर और उनके खाने के गुणवत्ता को बेहतर तरीके से मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें विवि के गृह विज्ञान के शिक्षक और विभाग के डीन शामिल होंगे। विवि के कुलपति डा. ओमकार नाथ सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में हमने शरीर की इम्यूनिटी के महत्व को समझा। अब हर कोई इसके विकास के लिए कार्य कर रहा है। एक उदाहरण के तौर पर हम सब बिस्कुट खाते हैं। मगर वह मैदा का बना होता है, जो पेट के लिए नुकसानदेह है। विवि के छात्र मड़ुआ का इस्तेमाल कर बिस्कुट बनाएंगे। ये शरीर में कैल्शियम, लौह तत्व आदि की कमी को दूर कर शऱीर को अंदर से मजबूत करेगा। साथ ही ऐसे कोर्स से हम देश के भविष्य को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगे। विभागाध्यक्ष डा. रेखा सिन्हा ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को पूरा कर डायटीसियन एवं खेल क्षेत्र में फ़ूड विशेषज्ञ आदि में रोजगार के अवसर हैं। इसके साथ ही छात्र स्वयं उद्यम भी चला सकते हैं।


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