JMM Dumka: झामुमो ने दुमका जिला संयोजक मंडली का किया गठन, 17 सदस्यीय टीम में बसंत सोरेन मुख्य संयोजक
JMM Dumka Dumka News Basant Soren Hindi Samachar शिबू सोरेन के निर्देशानुसार मंडली का गठन किया गया है। आज सोमवार को घोषित नाम के अनुसार शिव कुमार बास्की निशीत बरण गोलदार अब्दुल सलाम अंसारी प्रभुनाथ हांसदा इस संयोजक मंडल के सदस्य हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सोमवार को दुमका जिला संयोजक मंडली का गठन कर सदस्यों के नाम की घोषणा की है। 17 सदस्यीय इस संयोजक मंडली में विधायक बसंत सोरेन मुख्य संयोजक बनाए गए हैं। पार्टी के महासचिव बिनोद पांडेय ने कहा कि केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के निर्देश के अनुसार संयोजक मंडली का गठन किया गया है। संयोजक मंडल के सदस्यों को एक महीने के भीतर दुमका जिले के सभी प्रखंडों में प्रखंड समिति, नगर समिति का गठन व पुनर्गठन करने का निर्देश दिया गया है, ताकि दुमका जिला समिति का इसी के आधार पर गठन किया जा सके।
जिला संयोजक मंडली में शिव कुमार बास्की, दुमका, निशीत वरण गोलदार, मसलिया, अब्दुल सलाम अंसारी, रानेश्वर, प्रभुनाथ हासदा, शिकारीपाड़ा, अशोक चौधरी, सरैयाहाट, निर्मल बेसरा, जामा, ललन कुमार, रामगढ़, आलोक सोरेन, काठीकुंड, पोलिना मुर्मू, गोपीकांदर, रवि यादव, दुमका नगर, असीम कुमार मंडल, दुमका, भैरव दत्ता, रानेश्वर, सुनीता मरांडी, दुमका, शिवलाल मरांडी, जामा, सविता टुडू और चंद्रशेखर सोरेन शामिल हैं।
क्षेत्र में जाकर झाल बजाएं विपक्षी विधायक : झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधानसभा में हंगामा करने वाले भाजपा विधायकों पर तंज कसा है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष को विकास व इससे संबंधित मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। वे झाल बजाने आए हैं और झाल बजा रहे हैं। दिसंबर 2019 में जनता ने जो जनादेश दिया, वह विपक्ष को झाल बजाने लायक बना दिया। विपक्ष के विधायक को चाहिए कि वे विधानसभा में नहीं, क्षेत्र में जाकर झाल बजाएं और जनता का मनोरंजन करें।
सोमवार को मुख्यमंत्री का प्रश्नकाल था। मुख्यमंत्री हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार बैठे थे। यह स्वर्णिम अवसर था। चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष। नियुक्ति, रोजगार व विकास पर सरकार की क्या योजनाएं हैं, इसपर सवाल करना चाहिए था। इसे भी विपक्ष ने गंवा दिया, क्योंकि विपक्ष तो विधानसभा में झाल बजाने के लिए गई थी। लोकतंत्र में झाल नहीं बजाया जाता, मुद्दों के साथ आया जाता है। सकारात्मक विपक्ष राज्य हित में सरकार को बताती है कि राज्य की प्राथमिकताएं क्या हैं।
जिस नमाज कक्ष को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है, वह पुरानी परंपरा है। अलग राज्य बनने के बाद बिहार, बंगाल, ओडिशा विधानसभा की तर्ज पर यहां भी नमाज कक्ष इसलिए बनाया गया कि विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ने में इस्लाम धर्म को मानने वाले सदस्यों को परेशानी न हो। दोपहर एक से दो बजे का वक्त भोजनावकाश का होता है। अन्य धर्मों के त्योहार के वक्त राज्य में छुट्टियां होती हैं और पूजा-अर्चना सुबह या शाम के वक्त होती है, जिसमें कोई परेशानी नहीं है। नमाज दोपहर में पढ़ा जाता है। इसके चलते इस्लाम धर्म को मानने वालों को काफी परेशानी होती है।