बैंककर्मियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन, कैश की हो सकती है किल्लत !
बैंक कर्मियों की ओर से घोषित दो दिवसीय हड़ताल का आज अंतिम दिन है। लगातार दूसरे दिन भी बैंक कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं चार दिन बैंक बंद रहने का असर आज शहर के एटीएम में देखने को मिल सकता है।
रांची, जासं । बैंक कर्मियों की ओर से घोषित दो दिवसीय हड़ताल का आज दूसरा व अंतिम दिन है। आज भी राज्यभर के विभिन्न शाखाओं के बाहर बैंक कर्मी अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह हड़ताल केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न सरकारी उपक्रमों सहित बैंकों में निजीकरण को बढ़ावा देने के विरोध में की जा रही है। कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में अलग-अलग बैंकों के मुख्यालय पर बैनर पोस्टर के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। बैंकों की हड़ताल के कारण पिछले 4 दिनों से वित्तीय सेवाएं लगभग ठप हो गई हैं। एटीएम में ड्राई हो गए है। लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शनिवार और रविवार को बैंकों में अवकाश रहा। सोमवार से आंदोलन प्रारंभ हो गया। लिहाजा एटीएम में कैश रीफिल नहीं हो सका। शहर के अधिकांश इलाकों में स्थित विभिन्न बैंकों के एटीएम में शटर गिरे हुए हैं। लोग आनलाइन ट्रांजैक्शन से अपना काम चला रहे हैं। बैंक कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया तो वह भविष्य में भी आंदोलन को जारी रखेंगे।
पहले दिन के हड़ताल में हुआ तीन हजार करोड़ का नुकसान
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से पहले दिन झारखंड राज्य में लगभग तीन हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं दूसरे दिन भी इतने ही नुकसान होने की आशंका है। बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स असोशिएशन के महासचिव सुनील लकड़ा ने बताया कि इससे न सिर्फ बैंक कर्मचारियों बल्कि समाज के सभी वर्गों जैसे किसान, छोटे व्यवसायी, विद्यार्थी एवं आम जनता को काफी नुकसान होने की संभावना है। बहुत बड़ी आबादी बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हो जाएगी क्योंकि सामाजिक बैंकिंग करने वाली शाखाएं बंद कर दी जाएंगी।
साथ ही साथ बैंक की शाखाओं के बंद होने से प्रत्यक्ष रूप से अन्य रोजगार जैसे चाय दुकान, फल-सब्जी, मिठाई, स्टेशनरी आदि से जुड़े छोटे व्यवसाय भी बंद होंगे। नए रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे, किसी भी तरह के ऋण लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा एवं ग्राहकों को सेवा शुल्क के नाम पर अत्यधिक राशि की वसूली की जाएगी। उन्होने बताया कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा।