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झारखंड में 15 अक्टूबर तक बालू के खनन पर रोक, केवल भंडारण से होगा उठाव

Jharkhand Hindi Samachar. इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के स्तर से सभी उपायुक्तों को पत्र प्रेषित किया गया है। भंडारण से ही बालू का उठाव करना है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 10:58 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 10:58 AM (IST)
झारखंड में 15 अक्टूबर तक बालू के खनन पर रोक, केवल भंडारण से होगा उठाव
झारखंड में 15 अक्टूबर तक बालू के खनन पर रोक, केवल भंडारण से होगा उठाव

रांची, राज्य ब्यूरो। पूरे राज्य में 15 अक्टूबर तक बालू के खनन पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एनजीटी के आदेश के आलोक में यह रोक लगाई है। सीएम ने एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि खान एवं भूतत्व विभाग, सभी जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से यह सुनिश्चित करे कि मानसून अवधि में अर्थात 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू के खनन पर जो रोक लगाई गई है, उसका पालन हो।

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इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के स्तर से सभी उपायुक्तों को पत्र प्रेषित किया गया है। जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बालू की आवश्यकता एवं महामारी फैलने के कारण मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या को ध्यान में रखते हुए भंडारण से ही बालू का उठाव करना है। सभी जिला खनन पदाधिकारी 10 जून के पूर्व के बालू के भंडारण का सत्यापन करें और उसी अनुसार परमिट एवं चालान निर्गत करने की अनुमति दें।

विभाग ने कहा है कि भंडारण स्थल से बालू का परिवहन मात्र ट्रैक्टर से किया जाए। बड़े वाहनों जैसे हाइवा, डंपर आदि का उपयोग नहीं किया जाए। उक्त कार्य स्थल पर मजदूरों की मजदूरी का भुगतान सरकार द्वारा तय दर पर ही हो, यह सुनिश्चित करें। भंडारण स्थल से बालू के स्टॉक का निरीक्षण समय-समय पर किया जाए। भंडारण स्थल से बालू की बिक्री व आपूॢत में सरकारी योजनाओं में आवश्यकता को प्राथमिकता दी जाए।

मानसून में नहीं हो सकता बालू घाटों से बालू का उठाव

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण कोलकाता द्वारा पारित आदेश के आलोक में राज्य अंतर्गत बालू घाटों से बालू का उठाव वर्षा ऋतु के समय किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाना है। लेकिन खान विभाग को विभिन्न समाचार पत्रों तथा अन्य सूचना के माध्यम से उक्त अवधि में बालू का अवैध उठाव खनन कर्ताओं, बालू माफियाओं द्वारा किए जाने की सूचना प्राप्त हो रही थी। इसी को आधार बनाते हुए सभी उपायुक्त को यह निर्देश दिया गया है कि एनजीटी के आदेश का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए और अवैध बालू का उत्खनन का मामला सामने आने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।


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