Move to Jagran APP

भाजपा में विलय का फैसला झाविमो कार्यकारिणी की बैठक में लेंगे बाबूलाल Political Updates

Jharkhand. रांची में नवगठित केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को प्रस्‍तावित है। इसमें बाबूलाल झाविमो के भाजपा में औपचारिक विलय का फैसला लेंगे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 07:33 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 09:54 PM (IST)
भाजपा में विलय का फैसला झाविमो कार्यकारिणी की बैठक में लेंगे बाबूलाल Political Updates
भाजपा में विलय का फैसला झाविमो कार्यकारिणी की बैठक में लेंगे बाबूलाल Political Updates

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के भाजपा में विलय को लेकर पिछले लगभग डेढ़ माह से चल रही कवायद मंगलवार को समाप्त होने की संभावना है। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को संगठन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक तलब की है। इस बैठक में वे भाजपा में औपचारिक विलय पर कार्यकारिणी सदस्यों की सहमति लेंगे।

loksabha election banner

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद भाजपा को झारखंड में एक कद्दावर नेता की तलाश थी। यही वजह है कि भाजपा ने बाबूलाल मरांडी से संपर्क साधा। कई दौर की मुलाकात के बाद तय हुआ कि बाबूलाल मरांडी झाविमो का विलय भाजपा में कर देंगे। विलय की राह में झाविमो के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की बाधा बन रहे थे। दोनों विधायकों को संगठन से निष्कासित किया जा चुका है। अब इन दोनों विधायकों का भी कांग्रेस में शामिल होना तय ही माना जा रहा है।

17 को बड़ी रैली कर होंगे शामिल

बाबूलाल मरांडी की भाजपा में 17 फरवरी को दमदार एंट्री होगी। इसके लिए भाजपा के वरीय नेताओं ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। आयोजन के स्थल चयन के लिए सोमवार को कई नेताओं ने रांची के हरमू और प्रभात तारा मैदान जाकर देखा। बाबूलाल मरांडी भाजपा में एक बड़ी रैली के माध्यम से शामिल होंगे। रैली के लिए प्रभात तारा मैदान को ज्यादा मुफीद माना जा रहा है। पहले इसके लिए 23 फरवरी की तिथि तय की गई थी, लेकिन विधानसभा के बजट सत्र की वजह से 17 फरवरी को रैली का आयोजन करने का निर्णय किया गया है।

14 साल बाद हो रही घर वापसी

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने विपरीत राजनीतिक परिस्थिति में भाजपा को 2006 में अलविदा कहा था। उन्होंने काफी तामझाम के साथ झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया था। 2009 के विधानसभा चुनाव में झाविमो ने 11 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में उनके आठ विधायक जीतकर आए, जिसमें से पहले छह और बाद में एक विधायक ने भाजपा का दामन थाम लिया।

हालिया विधानसभा चुनाव में बाबूलाल ने सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए। हालांकि उन्हें तीन विधानसभा सीटों पर सफलता मिली। इस दौरान भाजपा के हाथ से सत्ता खिसकी और मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किए गए रघुवर दास भी चुनाव हार गए। नई राजनीतिक परिस्थितियों में बाबूलाल मरांडी की भाजपा में वापसी की पटकथा तैयार हुई।

भाजपा में उत्साह, नेताओं के सुर बदले

इधर भाजपा में बाबूलाल मरांडी के आगमन को लेकर उत्साह है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष इस सिलसिले में वरीय नेताओं  संग मंत्रणा कर चुके हैैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सांसदों से भी इस बाबत मशविरा किया है। सबको निर्देश दिया गया है कि वे विलय के निर्णय के बाद होने वाले समारोह में अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करें।

विलय की प्रक्रिया में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, झारखंड प्रभारी ओम माथुर समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से बातचीत हो चुकी है। इधर प्रदेश भाजपा में भी बाबूलाल को लेकर नेताओं के सुर बदल गए हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं ने उन्हें चार-चार चुनाव हारने वाला रिजेक्टेड नेता बताया था।

इतना ही नहीं, उन्हें डोमिसाइल की आग में प्रदेश को झोंकने वाला व्यक्ति बताया था। भाजपा के जिस प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने बाबूलाल को लेकर ये तमाम बयान अधिकृत तौर पर पार्टी की ओर से जारी किए थे वही  सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहते नजर आए कि बाबूलाल मरांडी बड़े जनाधार वाले नेता हैं। उन्हें कुशल संगठनकर्ता भी बताया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.