बाबूलाल बोले, नाकामी छिपा रही पुलिस, झामुमो ने कहा- असमाजिक तत्वों का साथ दे रहे मरांडी
Jharkhand Politics News पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पथराव मामले में कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध जरूर कार्रवाई हो लेकिन पुलिस निर्दोष लोगों को पूरे परिवार के साथ उठाकर थाने ले गई है। उन्होंने इस घटना पर पुलिस प्रशासन को विफल बताया।
रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला रोकने के मामले में की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए निर्दोष लोगों को तंग कर रही है। सरकार को पहले उन पुलिस अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए जो मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में लगे थे। उन्होंने इसे खुफिया विभाग और पुलिस प्रशासन की विफलता बताई है।
मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में मीडिया से रूबरू बाबूलाल ने कहा कि सरकार पहले उन थानेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करे जो दुष्कर्म की घटनाएं रोकने तथा अपराधियों को गिरफ्तार करने में विफल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इसमें किसी असामाजिक तत्व द्वारा पथराव किया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन किसी निर्दोष को जान बूझकर परेशान किया जाना ठीक नहीं है।
बाबूलाल ने प्रभारी पुलिस महानिदेशक एमवी राव के उस बयान का भी विरोध किया है, जिसमें उन्होंने कानून तोडऩेवाले के विरुद्ध सख्ती बरतने तथा गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं किए जाने की बात कही है। बाबूलाल ने इस बयान को लोकतंत्र के विरुद्ध बताते हुए कहा कि पुलिस कप्तान आंदोलन करनेवाले को गुंडा करार दे रहे हैं। आरोप लगाया कि भ्रष्ट पुलिस अफसरों को संरक्षण मिला है और डीजीपी आवाज उठाने पर गुंडा कहकर आंदोलन को कुचलने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने ओरमांझी घटना मामले में युवती के सिर बरामद नहीं होने पर भी सवाल उठाते कहा कि यह घटना निर्भया घटना से भी बड़ी है। उन्होंने स्वीकार किया कि पुलिस द्वारा जिन्हें तंग किया जा रहा है, उनमें कई भाजपा कार्यकर्ता हैं। रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि कहा कि राज्य में इस सरकार के कार्यकाल में अबतक दुष्कर्म की 1765 घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें सबसे अधिक घटना आदिवासी महिलाओं के साथ हुई।
असमाजिक तत्वों का साथ दे रहे बाबूलाल : झामुमो
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला रोकने का मामला सियासी रंग ले रहा है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के आरोपों के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी उनपर निशाना साधा है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी असमाजिक तत्वों का साथ दे रहे हैं। वे पुलिस को भी धमकी दे रहे हैं, जिसपर असमाजिक तत्वों ने जानलेवा हमला किया। उन्होंने कहा कि इस षड्यंत्र में शामिल लोगों की गिरफ्तारी हो रही है तो बाबूलाल मरांडी को खराब लग रहा है।
यह उनकी सोच को दर्शाता है। मुख्यमंत्री का काफिला रोकना बड़ी साजिश का हिस्सा है। राज्य में किसी को कानून-व्यवस्था हाथ में लेने की छूट नहीं दी जा सकती है। इस मामले को राजनीतिक रंग देना गलत है। उपद्रवियों की मंशा सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की थी, जिसे पुलिस ने तत्परता बरतते हुए काबू पाने में कामयाबी पाई। पूर्व में भी कई मौके पर भाजपा की स्तरहीन राजनीति राज्य के लोगों ने देखी है।
दरअसल चुनाव में लगातार हार से भाजपा के नेता बौखलाहट में हैं और वे किसी प्रकार से अस्थिरता फैलाना चाहते हैं। उनकी यह मंशा कभी सफल नहीं होगी। भाजपा को राज्य के लोगों ने नकार दिया है। उनकी कथनी और करनी में अंतर है। बाबूलाल मरांडी अवसरवादिता का परिचय देते हुए उसी दल में शामिल हो गए जिस दल के खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा था। उनके मुंह से नैतिकता की बात अच्छी नहीं लगती है।