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बाबूलाल ने CM हेमंत सोरेन पर कसा तंज, मुंह छिपाकर दूसरी गली से न भागें मुख्यमंत्री

Babulal Marandi Vs Hemant Soren भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार को चेताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को जनता का दर्द समझना पड़ेगा। राज्य में हो रहे अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं से परेशान होकर जनता अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश करेगी तो सुनना पड़ेगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 09:43 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 09:43 PM (IST)
बाबूलाल ने CM हेमंत सोरेन पर कसा तंज, मुंह छिपाकर दूसरी गली से न भागें मुख्यमंत्री
Babulal Marandi Vs Hemant Soren: बाबूलाल मरांडी और सीएम हेमंत सोरेन।

रांची, जासं। Babulal Marandi Vs Hemant Soren भारतीय जनता पार्टी रांची महानगर के तत्वावधान में बुधवार को राज्यपाल भवन के समीप राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं, खासकर दुष्कर्म व हत्या के विरोध में पार्टी के नेताओं न कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। राज्यसभा सदस्य समीर उरांव की अध्यक्षता में राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। आंदोलन के दौरान भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार को चेताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को जनता का दर्द समझना पड़ेगा। राज्य में हो रहे अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं से परेशान होकर जनता अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश करेगी तो उन्हें सुनना पड़ेगा। न कि मुंह चुराकर दूसरी गलियों से छिप कर निकल जाएं और पूरे पुलिस तंत्र का इस्तेमाल भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ करें।

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रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि अतिशीघ्र झारखंड में लॉ एंड आर्डर को सरकार दुरुस्त करे। भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दमन की नीति से बाज आए। हटिया के विधायक और प्रदेश मंत्री नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार जनता को इतना न दबाए कि जनता को उनके खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़े। कांके के विधायक समरी लाल ने भी गिरफ्तार किए गए भाजपा कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की।

महानगर अध्यक्ष केके गुप्ता ने सरकार के प्रति अपना रोष जताते हुए यह कहा कि सरकार हर क्षेत्र में विफल है। राज्य में अपराध, उग्रवाद, दुष्कर्म और गुंडागर्दी जैसी बीमारियों का पुनर्जन्म हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाए कि क्यों यह सरकार आज तक अपराधियों का पता लगाने में तथा पीडि़ता का सिर और पहचान ढूंढने में विफल है। रांची की महापौर आशा लाकड़ा ने कहा कि यह सरकार खुद को आदिवासियों की सरकार कहती है, परंतु यह कैसी सरकार है जिसमें सबसे ज्यादा अत्याचार आदिवासी बहू-बेटियों पर ही हो रहे हैं। किसी भी सूरत में झारखंड की महिलाएं अब इस अत्याचारी सरकार को बर्दाश्त नहीं करेंगी।


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