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बाबूलाल की राह में अभी और रोड़े, आयोग के फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं स्पीकर

विधानसभा के बाहर पार्टी के विलय पर चुनाव आयोग अपना फैसला सुना सकता है लेकिन विधानसभा के भीतर चुने हुए प्रतिनिधि पर दल बदल कानून के तहत विलय पर निर्णय स्पीकर को लेना होता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 08:40 AM (IST)
बाबूलाल की राह में अभी और रोड़े, आयोग के फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं स्पीकर
बाबूलाल की राह में अभी और रोड़े, आयोग के फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं स्पीकर

रांची, राज्य ब्यूरो। Babulal Joins BJP झारखंड विकास मोर्चा के भारतीय जनता पार्टी में विलय को भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी मंजूरी दे दी है लेकिन झारखंड विधानसभा के भीतर विधानसभा अध्यक्ष आयोग के इस फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं है। हां, भाजपा के पक्ष में इतना अवश्य है कि वह इस फैसले को लेकर स्पीकर पर अपना दबाव बढ़ा सकती है। तकनीकी पहलू यह है कि विधानसभा के बाहर पार्टी के विलय पर चुनाव आयोग अपना फैसला सुना सकता है लेकिन विधानसभा के भीतर चुने हुए प्रतिनिधि पर दल बदल कानून के तहत विलय पर निर्णय स्पीकर को लेना होता है।

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जाहिर है दोनों मामले जुदा हैं। स्पीकर किसी भी तरह से चुनाव आयोग का फैसला मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। सीधे शब्दों में समझें तो चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद बाबूलाल मरांडी के भाजपा विधायक दल के नेता के तौर पर अधिकृत रूप से स्थापित हो गए हैं लेकिन उनके नेता प्रतिपक्ष बनने की राह में अभी भी रोड़ा है। गेंद अभी भी स्पीकर के पाले में है। सदन के भीतर प्रदीप यादव व बंधु तिर्की का संयुक्त संख्या बल अकेले बाबूलाल पर भारी है।

अर्जुन मुंडा ने आदिवासी महिलाओं के कौशल विकास पर दिया जोर

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने जनजातीय महिलाओं को उचित शिक्षा देने तथा उनके कौशल विकास पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के आदिवासी लोगों, खासकर आदिवासी महिलाओं के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक से सात मार्च तक एक विशेष अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि देश के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नामांकित कुल 73,145 विद्यार्थियों में से 36,435 छात्राएं हैं। इससे स्पष्ट होता है कि आदिवासी लड़कियों के बीच साक्षरता दर में सुधार हुआ है। इसी तरह 'आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना' के चार प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जा रहा है। ट्राइफेड ने देश के विभिन्न स्थानों पर ट्राइब्स इंडिया नामक नए आउटलेट खोलकर जनजातीय हस्तशिल्प और वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है।


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