Move to Jagran APP

बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने का स्पीकर पर दबाव बढ़ा, चुनाव आयोग की स्‍वीकार्यता से अड़चनें खत्‍म

कहा जा रहा है कि अब अगर नेता प्रतिपक्ष के मसले पर स्‍पीकर की ओर से देर हुई तो भाजपा को राजनीतिक लाभ उठाने का मौका मिलेगा। इस बीच स्पीकर ने कहा कि बाबूलाल का पलड़ा भारी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 10:54 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 04:24 PM (IST)
बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने का स्पीकर पर दबाव बढ़ा, चुनाव आयोग की स्‍वीकार्यता से अड़चनें खत्‍म
बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने का स्पीकर पर दबाव बढ़ा, चुनाव आयोग की स्‍वीकार्यता से अड़चनें खत्‍म

रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट के झारखंड में राजनीतिक हलचल भी तेज है। चुनाव आयोग से मान्यता मिलने के बाद अब विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने का मामला एक बार फिर तूल पकडऩे लगा है। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो पर इस मामले को दबाव बढऩे लगा है। चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद अब यह साफ है कि स्पीकर इस मसले को अब अधिक समय तक टाल नहीं सकेंगे। माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष मामले का पटाक्षेप मानसून सत्र में ही होगा।

loksabha election banner

चुनाव आयेाग के स्तर से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का विलय भाजपा में हो गया है। वहीं झाविमो से अलग हुए अन्य दो विधायकों प्रदीप यादव व बंधु तिर्की के कांग्रेस में विलय को भी आयोग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह विलय तब किया गया, जब पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं था, इसलिए यह अमान्य है। झाविमो के भाजपा में विलय से पहले बाबूलाल दोनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित भी कर चुके थे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने चुनाव आयोग के निर्णय के आलोक में विधानसभा अध्यक्ष से बाबूलाल मरांडी को अविलंब नेता प्रतिपक्ष घोषित करने की मांग एक बार फिर की है। दीपक प्रकाश ने कहा कि झाविमो के भाजपा में संपूर्ण विलय की चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है। परंतु, कांग्रेस पार्टी को देश की संवैधानिक संस्थाओं को अपमानित करने की आदत हो गई है। कांग्रेस ने  मामले को विवादित बनाने की कोशिश की है।

इधर, पूरे प्रकरण पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कानूनी मंतव्य लिया जा रहा है। उन्होंने सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद नियम सम्मत फैसला लेने की बात कही है। हालांकि, यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि आयोग की मंजूरी के बाद बाबूलाल का पलड़ा भारी है। उधर, मान्यता का मामला अगर लंबा खिंचा, तो इसका लाभ बाबूलाल और उनकी वर्तमान पार्टी भाजपा को मिलेगा। भाजपा अदालत की शरण में भी जा सकती है।

विधानसभा में खूब हुआ था हंगामा

झारखंड विधानसभा में इस मामले को लेकर खूब हंगामा हुआ था। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने स्पीकर के समक्ष प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट किया था, जिससे बजट सत्र की कार्यवाही कई दिनों तक बाधित रही थी। बाद में सदन में बाबूलाल ने खुद इस मामले का पटाक्षेप करते हुए कहा था कि अब उनकी पार्टी के विधायक सदन में इस मांग को लेकर प्रदर्शन नहीं करेंगे।

अभी लॉकडाउन को लेकर सारी गतिविधियां बंद पड़ी हैं। राज्यसभा और विधानसभा का उपचुनाव भी लंबित है। परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी, तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता पर तमाम कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर विधिसम्मत फैसला लिया जाएगा। रवींद्र नाथ महतो, अध्यक्ष, झारखंड विधानसभा।

भाजपा ने प्रारंभ से ही विधानसभा अध्यक्ष के आसन को निष्पक्ष रखने का आग्रह किया है। बाबूलाल मरांडी भाजपा विधायक दल के नेता है, जिसकी विधिवत सूचना विधानसभा अध्यक्ष को पार्टी ने दे दी है। अब चुनाव आयोग ने भी उन्हें मान्यता देते हुए स्थिति साफ कर दी है। ऐसे में अब बिना विलंब किए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष घोषित कर अधिसूचना जारी करनी चाहिए। टालमटोल की स्थिति में भाजपा पूरे प्रदेश में आंदोलन करने को बाध्य होगी। दीपक प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा। 

कुछ ऐसे चला घटनाक्रम

  • 17 फरवरी को बाबूलाल मरांडी अपने दल के साथ भाजपा में हुए शामिल।
  •  भाजपा ने स्पीकर को विधिवत दी इसकी सूचना।
  • 28 फरवरी से शुरू बजट सत्र में बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग को लेकर भाजपा ने किया प्रदर्शन।
  • छह मार्च को चुनाव आयोग ने बाबूलाल मरांडी के भाजपा में विलय को दी मंजूरी।
  • भाजपा ने इसे आधार बना स्पीकर पर बनाया दबाव।
  • 12 मार्च बाबूलाल ने सदन में कहा कि नेता प्रतिपक्ष की मांग को लेकर भाजपा विधायक वेल में नहीं आएंगे।
  • 21 मार्च को राज्यपाल से मिले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व बाबूलाल मरांडी। बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.