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सरकार ने दिया बाबा बैद्यनाथ व बासुकीनाथ मंदिर खोलने का आदेश, प्रतिदिन चार घंटे होंगे दर्शन Jharkhand News

बाबा बैद्यनाथ मंदिर और बासुकीनाथ मंदिर झारखंड के श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग ने देवघर और दुमका के उपायुक्त को इससे संबंधित निर्देश भेज दिया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 09:50 PM (IST)
सरकार ने दिया बाबा बैद्यनाथ व बासुकीनाथ मंदिर खोलने का आदेश, प्रतिदिन चार घंटे होंगे दर्शन Jharkhand News
सरकार ने दिया बाबा बैद्यनाथ व बासुकीनाथ मंदिर खोलने का आदेश, प्रतिदिन चार घंटे होंगे दर्शन Jharkhand News

रांची (राज्य ब्यूरो) । Deoghar Baba Baidyanath Dham Mandir देवघर के प्रसिद्ध वैद्यनाथ धाम मंदिर व दुमका जिले के बासुकीनाथ धाम मंदिर खोलने के लिए गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। देवघर व दुमका के उपायुक्तों को जारी आदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कई आवश्यक दिशानिर्देशों और शर्तों के पालन का भी जिक्र किया गया है। निर्देश के अनुसार प्रतिदिन बताया गया है कि दोनों मंदिरों में प्रतिदिन सिर्फ चार घंटे के लिए ही दर्शन की सुविधा उपलब्ध होगी।

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वहीं देवघर में प्रत्येक घंटे सिर्फ 50 श्रद्धालु और बासुकीनाथ में 40 श्रद्धालु ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर में प्रवेश भी ऑनलाइन इंट्री पास के आधार पर ही मिलेगा। विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि संबंधित दोनों जिलों के उपायुक्त अब अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी मंदिर खोलने का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। आपदा प्रबंधन प्रभाग ने जारी आदेश में बताया है कि केवल झारखंड के निवासी ही इन दोनों प्रमुख मंदिरों में प्रवेश पा सकेंगे।

गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य

दोनों मंदिरों में प्रवेश से लेकर दर्शन और निकासी तक में कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरतना और गाइडलाइन का पालन करने अनिवार्य होगा। मंदिर में प्रवेश के पूर्व मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन करना और सैनिटाइजेशन आवश्यक होगा। दर्शन संबंधित गतिविधियों की मॉनीटङ्क्षरग सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से होगी।

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी याचिका

गौरतलब है कि गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर व दुमका जिले के बासुकीनाथ मंदिर में दर्शन की सुविधा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर सुनवाई के दौरान 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें राज्य सरकार को इसपर विचार करने को कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी थी कि ऑनलाइन दर्शन अपनी जगह पर है, नियम व शर्तो के साथ मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने के मसले पर भी सरकार को विचार करना चाहिए। इसके बाद राज्य सरकार ने विकास आयुक्त केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति गठित कर सुझाव मांगा था। सहमति बनने के बाद मंदिर खोलने का निर्णय लिया गया है।


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