एवीएम इंबोलाइजेशन विधि से झारखंड में पहली बार ब्रेन सर्जरी, पिन होल सर्जरी कर खून के थक्के को डाक्टरों ने निकाला
डा. साई सुदर्शन ने बताया कि राज्य में पहली बार पिन होल सर्जरी कर एवीएम इंबोलाइजेशन की गई है। पहले ब्रेन में रक्तस्त्राव के गंभीर मामलों के लिए मरीजों के लिए बड़े शहरों से डाक्टरों को बुलाया जाता था। अब पल्स अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध है।
जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी रांची के बरियातू स्थित पल्स अस्पताल में रविवार को हजारीबाग जिले के रहने वाले 28 वर्षीय रवि को डाक्टरों ने नई जिंदगी दी। मरीज के ब्रेन में खून के थक्के जम गए थे। पल्स अस्पताल के न्यूरो सर्जन डा. साई सुदर्शन ने पहले सर्जरी कर रवि के ब्रेन से खून के थक्के को हटाया।
डा. सुदर्शन ने दैनिक जागरण को बताया कि रवि के ब्रेन में एवीएम (आर्टिरियोवेनस मैलफॉर्मेशन) की समस्या थी। ऐसी स्थिति में ब्रेन में नसें फूल जाती हैं, उलझ जाती हैं और उनसे खून का तेजी से रिसाव होता है, जो ब्रेन हैमरेज की वजह भी बन सकता है। ज्यादा गंभीर स्थिति में मरीज की मौत भी हो सकती है। डा. साई सुदर्शन और उनकी टीम ने पिन होल सर्जरी के जरिए एवीएम इंबोलाइजेशन कर मरीज की जान बचाई। इस तकनीक से ब्रेन में एक्स-रे कंट्रोल के जरिए एक पतली पाइप डालकर एवीएम में स्कविड (एक प्रकार का तरल पदार्थ) डालकर उसे ब्लॉक किया गया। डा. साई सुदर्शन ने बताया कि राज्य में पहली बार पिन होल सर्जरी कर एवीएम इंबोलाइजेशन की गई है। पहले ब्रेन में रक्तस्त्राव के गंभीर मामलों के लिए मरीजों के लिए बड़े शहरों से डाक्टरों को बुलाया जाता था। लेकिन अब पल्स अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के हेड डाक्टर साई सुदर्शन और उनकी टीम ने यह संभव कर दिखाया है। अब तक डा. साई सुदर्शन आठ हजार से भी अधिक ब्रेन सर्जरी सफलतापूर्वक कर चुके हैं।