आत्मनिर्भर भारत के सपना हो रहा साकार, स्वरोजगार से गरीबी को मात दे रहे ग्रामीण
Gumla News प्रशिक्षण के उपरांत लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मोटिवेट किया जाता है। लोगों को ऋण दिलाने का भी काम किया जाता है । इसके बाद भी लगातार लोगों से संपर्क कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद की जाती है। यही कारण है कि लोग
गुमला, जागरण संवाददाता। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा गरीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतर कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार ग्रामीण विकास विभाग एवं जिला अग्रणी बैंक द्वारा संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान 18 वर्ष से 45 वर्ष तक के लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर न केवल ऋण देता है, बल्कि लोगों को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक विपन्नता को दूर करने का काम करता है।
अलग-अलग कामों की दी जा रही है ट्रेनिंग
गुमला जिला में इसकी स्थापना जनवरी 2010 को हुई थी, तब से लेकर लगातार ग्रामीण बेरोजगार लोगों को अलग अलग प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़कर गरीबी को मात देने का काम कर रहा है। सूअर पालन, बत्तख पालन, मुर्गी पालन, ब्यूटिशयन, दर्जी, बंबू क्राफ्ट मेकिंग, जूट प्रोडक्ट मेकिंग, बकरी पालन, सब्जी नर्सरी, मोमबत्ती का निर्माण, अगरबत्ती का निर्माण, मशरुम की खेती आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
स्वरोजगार के लिए किया गया मोटिवेट
प्रशिक्षण के उपरांत लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मोटिवेट किया जाता है। लोगों को ऋण दिलाने का भी काम किया जाता है । इसके बाद भी लगातार लोगों से संपर्क कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद की जाती है। यही कारण है कि लोग प्रशिक्षण पाने के उपरांत तन्मयता के साथ प्रशिक्षण का लाभ उठाते हैं और स्वरोजगार को अपनाकर गरीबी को मात देते हैं।
हजारों लोगों को दिया गया प्रशिक्षण
गुमला जिले में अब तक 5965 लोगों को अलग अलग ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 3748 लोगों ने अपना स्वरोजगार प्रारंभ कर लिया है ।1596 लोगों ने बैंक से लोन लेकर अपनी कार्य प्रारंभ किया है। जबकि 2004 ऐसे लोग हैं, जिन्हें स्वयं की पूंजी से ही स्वरोजगार को अपनाकर अच्छा मुनाफा पा रहे हैं।
जरुरी प्रशिक्षण के उपरांत लोगों को मोटिवेट करने की जरुरत है। लोगों को इस बात का अहसास कराया जाता है कि संस्थान द्वारा उन्हें सहयोग प्रदान किया जा रहा है और वे उनके साथ हैं। लोगों को केवल मोरल सपोर्ट करने की जरुरत है। लोग स्वत: आगे आते हैं और स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाते हैं। काफी संख्या में लोगों ने प्रशिक्षण पाकर गरीबी को मात दे रहे हैं।
विनीत सोनी, ट्रेनर