जेल में बंद अधिकांश कैदी बनना चाहते हैं लालू के सेवादार
जेल में बंद अधिकांश कैदी लालू प्रसाद यादव के सेवादार बनना चाहते हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दोनों सेवादार डोरंडा के हिनू निवासी मदन यादव व लक्ष्मण कुमार की साजिश नाकाम हो गई। बिना सेवा किए ही दोनों सेवादार जेल से बाहर हो गए। बुधवार की शाम अदालत से रिलीज आर्डर पहुंचने के बाद दोनों को जेल से बाहर कर दिया गया। इधर, जेल में बंद अधिकांश कैदी लालू प्रसाद यादव के सेवादार बनना चाहते हैं।
लोअर बाजार थाने में फर्जी केस करवाकर लालू से मिलने के बहाने दोनों अदालत में आत्मसमर्पण कर 23 दिसंबर 2017 को ही लालू से कुछ देर पहले ही जेल पहुंच गए थे। दोनों जेल के जनरल वार्ड में थे, जबकि लालू प्रसाद यादव जेल के अपर डिवीजन सेल में। अपर डिवीजन सेल की कड़ी सुरक्षा के कारण दोनों सेवादार से लालू की एक बार भी मुलाकात नहीं हो सकी थी।
साजिश का खुलासा होने के बाद रेस हुई थी पुलिस
मंगलवार की सुबह जैसे ही यह खुलासा हुआ कि लालू के दो सेवादार एक साजिश के तहत मारपीट का झूठा केस करवाकर जेल पहुंच गए हैं, इसके बाद रांची पुलिस रेस हो गई थी। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी के आदेश पर डीएसपी सिटी आरके मेहता ने पूरे मामले का पर्यवेक्षण किया तो इस जालसाजी का खुलासा हुआ। इसके बाद आनन-फानन में रांची पुलिस ने कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन डालकर दोनों ही आरोपियों को रिलीज करने का आवेदन दिया। जिसके बाद बुधवार को दोनों जेल से बाहर निकले।
शिकायतकर्ता पर झूठी प्राथमिकी का प्रस्ताव भेजा जाएगा कोर्ट
एसएसपी के आदेश पर डीएसपी सिटी आरके मेहता ने पाया कि दोनों सेवादार मदन यादव व लक्ष्मण कुमार पर उनके ही रिश्तेदार ने झूठी प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। एसएसपी ने प्राथमिकी दर्ज करवाने वाले सुमित के खिलाफ धारा 182, 211 भादवि में कोर्ट में प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया है। अब लोअर बाजार पुलिस उक्त मामले में गुरुवार को अदालत में प्रस्ताव भेजेगी।
अधिकांश कैदी बनना चाहते हैं लालू के सेवादार
लालू के दो सेवादारों के फर्जी केस में जेल जाने का मामला सामने आने के बाद अब नई बातें सामने आ रही हैं। जेल में बंद बिहार के अधिकांश कैदी लालू के सेवादार बनना चाहते हैं। लालू की जेल में एंट्री के बाद से ही उनकी सेवा की चाहत लिए नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश कर रहे। खबर है जेल में एक ऐसा कैदी भी बंद है, जो लालू के पैतृक जिला गोपालगंज का है। वह अधिकांश समय लालू की सेल के पास ही रहता है। उसे सुखदेव नगर पुलिस ने लगभग तीन माह पहले जेल भेजा है।
इधर, जेल में बंद कई कैदी ऐसे भी हैं, जो जेल से छूटने के बाद अपराध छोड़ राजद की सदस्यता ग्रहण करना चाहते हैं। इसके लिए लालू के सामने उन्होंने प्रस्ताव भी रखा है। लालू ने कैदियों को अपराध छोड़कर पार्टी का मजबूत कार्यकर्ता बनने के लिए स्वागत भी किया है। जेल सूत्रों की मानें, तो लालू के अपर डिवीजन सेल के बाहर कई कैदियों का जमावड़ा लगा रहता है। जब वे धूप में अखबार पढ़ने के लिए जेल से बाहर निकलते हैं, तो उन्हें कैदी घेर लेते हैं। हालांकि लालू की सुरक्षा जेल में चाक-चौबंद रखी गई है। लालू जेल में बंद बिहार के कैदियों को अधिक महत्व देते हैं।
लालू से मिलाने के लिए लेनी पड़ती है मदन से अनुमति:
जेल सूत्रों की मानें तो लालू का सेवादार बनकर जेल जाने वाला मदन यादव लालू की सेवादार की भूमिका में आ चुका है। लालू की सेल के बाहर पूरे दिन वह खड़ा रहता है। लालू से मिलने या करीब आने के लिए कैदियों को मदन से बातचीत करनी पड़ती है। इसके बाद ही कोई लालू के करीब जा पाता है। मदन यादव को सेल के भीतर जाने की अनुमति तो अब तक नहीं मिली, लेकिन वह सेल के बाहर से ही सेवादार की भूमिका निभा रहा है। मदन के साथ जेल जाने वाला कथित रसोइया लक्ष्मण कुमार भी मदन यादव के साथ ही रहता है।
मंदिर का पुजारी भी गोपालगंज का:
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा परिसर स्थित मंदिर के पुजारी भी गोपालगंज के हैं। वे हर दिन पूजा के बाद लालू के लिए प्रसाद भेजते हैं। मौका मिलने पर लालू से मुलाकात भी करते हैं। लालू भी उन्हें पूरा सम्मान देते हैं। पहले दिन पुजारी लालू से मिलने के लिए एक घंटे तक रुके थे।
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