7 वर्षों में खत्म हो गई 83 हजार पौधों की हरियाली, 35 लाख भी पानी में बहे Chatra News
Jharkhand News. ग्रामीण कभी जलावन तो कभी अन्य काम के लिए पेड़ काटने लगे। गांव के दबंग प्रवृत्ति के लोग हरियाली को उजाड़ते रहे।
हंटरगंज (चतरा), [अमरेंद्र प्रताप सिंह]। वन विभाग द्वारा लगभग सात साल पहले चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड स्थित सिकटिया वनरोपण क्षेत्र में 50 हेक्टेयर भूमि पर लगाए गए 83300 पौधों में से महज हजार से डेढ़ हजार पौधे बचे हैं। वित्तीय वर्ष 2012-13 में भूमि संरक्षण योजना के तहत तकरीबन 35 लाख रुपये खर्च कर इस क्षेत्र में पौधे लगाए गए थे। वित्तीय वर्ष के प्रांरभ में जमीन के समतलीकरण तथा गड्ढा खोदने का कार्य किया गया था। इसके बाद पौधे लगाए गए थे। पौधे खैर, शीशम, चकौंधी आदि प्रजाति के थे।
पौधारोपण के बाद आसपास का पूरा इलाका हरा-भरा नजर आता था। यह हरियाली दो से तीन वर्षों तक कायम रही। इसके बाद धीरे-धीरे पौधों को नष्ट किया जाने लगा। ग्रामीण कभी जलावन तो कभी अन्य काम के लिए पेड़ काटने लगे। जानकारी के अनुसार तीन वर्षों तक के लिए संबंधित क्षेत्र की सुरक्षा की जवाबदेही वन सुरक्षा समिति और कैटल गार्ड की थी। लेकिन वे अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाए।
गांव के दबंग प्रवृत्ति के लोग हरियाली को उजाड़ते रहे और वनरोपण के अधिकारी उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर सके। वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सह कैटल गार्ड राजदेव यादव ने बताया कि पौधों की निगरानी के लिए उनके अलावा एक और कैटल गार्ड कृष्ण सिंह को रखा गया था। हरियाली को उजड़ते देख 2017 में दोनों ने कैटल गार्ड का काम छोड़ दिया। इस प्रकार 2018 में हैंडओवर होने से पहले ही हरियाली खो गई।