Strike in Coal Sector: जारी है कोयला मजदूरों की हड़ताल, 3 दिनों में 61 करोड़ के नुकसान का अनुमान
Strike in Coal Sector. अभी तक हड़ताल के कमजोर पड़ने या उसमें कोई बाधा आने की कोई खबर नहीं है। हड़ताल की वजह से किसी भी तरह की बड़ी हिंसा की भी कोई खबर नहीं है।
रांची, जासं। कोल इंडिया के मजदूर संगठनों की हड़ताल शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रही। यह हड़ताल कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन की अनुमति देने के विरोध में बुलायी गयी है। यूनियन के नेता कोल इंडिया और सीसीएल के द्वारा लगातार हड़ताल खत्म करने के लिए दबाव बनाने का दावा कर रहे हैं। इस हड़ताल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थित भारतीय मजदूर संघ समेत कुल पांच ट्रेड यूनियनों के द्वारा हड़ताल का आह्वान किया गया है।
सीटू समर्थित ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के डीडी रमानंदन ने कहा कि शनिवार को भी कर्मचारी पूर्ण रूप से हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। अभी तक हड़ताल के कमजोर पड़ने या उसमें कोई बाधा आने की कोई खबर नहीं है। साथ ही, हड़ताल की वजह से किसी भी तरह की बड़ी हिंसा की भी कोई खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि संयुक्त मोर्चा, जिसके तहत हड़ताल का आह्वान किया गया है, आज शाम सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह से भी मुलाकात कर सकता है।
वहीं यूनियनों का कहना है कि अगर सरकार अपने कर्मचारियों और मजदूरों की आवाज को नहीं सुनती है तो हम आगे इससे बड़े स्तर पर अपनी बात उन तक पहुंचाने की योजना बना रहे हैं। यूनियनों ने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर मजदूर और कर्मचारी किसी भी कीमत पर सरकार के द्वारा लायी गयी कमर्शियल माइनिंग का साथ नहीं देंगे। तीन दिनों की हड़ताल में सीसीएल में लगभग 4 लाख टन कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ है। वहीं पूरे राज्य में सरकार को 61 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा लगा है।