Move to Jagran APP

जुमार नदी जमीन घोटाला: एसीबी ने अंचलाधिकारी व राजस्व कर्मचारी के खिलाफ दर्ज किया पीई

Jumar River Land Scam Kanke Ranchi मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नौ दिसंबर को मामले में एसीबी जांच का आदेश दिया था। एसीबी में कांके अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनिल कुमार व अन्य कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की जांच शुरू हुई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 07:12 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 07:18 PM (IST)
जुमार नदी जमीन घोटाला: एसीबी ने अंचलाधिकारी व राजस्व कर्मचारी के खिलाफ दर्ज किया पीई
मुख्‍यमंत्री ने जांच का आदेश दिया था।

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची जिले के कांके अंचल स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे जुमार नदी और उसके आसपास की सरकारी जमीन घोटाले मामले में गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर लिया है। इस मामले में कांके अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनिल कुमार, राजस्व कर्मचारी व अन्य कर्मियों को आरोपित करते हुए उनकी मिलीभगत की जांच शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी माह नौ दिसंबर को इस घोटाले की एसीबी जांच का आदेश दिया था।

loksabha election banner

एसीबी को 45 दिनों के भीतर इस घोटाले की जांच पूरी कर सरकार को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने का आदेश मिला है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि इस सरकारी जमीन और जुमार नदी की जमीन को भरवाने में अंचल के अधिकारियों-कर्मियों की जमीन माफिया से मिलीभगत के बिंदु पर जांच पूरी कर रिपोर्ट दें। मुख्यमंत्री ने पूर्व में ही रांची के उपायुक्त की रिपोर्ट के बाद कांके अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनिल कुमार को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया था।

गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने सरकारी जमीन घोटाले से संबंधित यह मामला प्रकाश में लाया था। इसमें उजागर किया गया कि कांके लॉ कॉलेज से सटे रिंग रोड के किनारे करीब 25 एकड़ जमीन को प्लॉटिंग कर बेचने की तैयारी की जा रही है। साथ ही जमीन माफिया द्वारा जुमार नदी के किनारे मिट्टी डालकर भरने एवं जेसीबी से समतल करने का कार्य किया जा रहा है। यहां लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजररूआ प्रकृति की है, जिसमें 20.20 एकड़ भूमि खतियान में नदी के रूप में दर्ज है।

दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद रांची के उपायुक्त ने अपर समाहर्ता, भू हदबंदी से इसकी जांच कराई। अपर समाहर्ता ने जांच के बाद उपायुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि यहां के खाता संख्या के अंतर्गत आने वाले कुछ प्लॉट बकास्त भूइहरी जमीन खतियान में दर्ज है और खाता संख्या 142 प्लॉट संख्या 2309 गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की भूमि है, जो बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए अर्जित है। लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजरुआ मालिक प्रकृति की है।

नदी के रूप में दर्ज 20.20 एकड़ जमीन के अंश भाग पर रिवर व्यू गार्डेन के प्रोपराइटर कमलेश कुमार द्वारा मिट्टी भरवाकर समतलीकरण का कार्य कराया जा रहा है। उपायुक्त ने जिला प्रशासन द्वारा इस जमीन घोटाले की कराई गई जांच रिपोर्ट भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग को सौंपी। इसमें जिक्र है कि जमीन माफिया द्वारा सरकारी जमीन के अतिक्रमण में कांके अंचल के अंचल पदाधिकारी अनिल कुमार की संलिप्तता है।

सरकारी जमीन का संरक्षण होने के बावजूद भी अंचल अधिकारी द्वारा सरकारी जमीन और नदी को भरने के मामले को नजरअंदाज करना उनके इस घोटाले में शामिल होने को इंगित करता है। इतना ही नहीं, कांके अंचल अधिकारी द्वारा इस साल 10 नवंबर को ई-मेल के माध्यम से प्रतिबंधित भूमि की जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उसमें उपरोक्त सरकारी भूमि को प्रतिबंधित सूची में नहीं डाला गया है, जिसमें भू माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.