Move to Jagran APP

प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के मामले में सरकार व यूनिवर्सिटी से मांगा जवाब

अदालत ने इस मामले में यूनिवर्सिटी और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इसको लेकर डा मंजू कुमारी व 13 अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 08:50 AM (IST)
प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के मामले में सरकार व यूनिवर्सिटी से मांगा जवाब
करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रोन्नति मिलती थी, जो 31 दिसंबर 2008 तक लागू थी।

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा एसएन पाठक की अदालत में एसोसिएट प्रोफेसर की प्रोन्नति की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में यूनिवर्सिटी और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इसको लेकर डा मंजू कुमारी व 13 अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

loksabha election banner

सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने अदालत को बताया कि एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के लिए यूजीसी ने रेगुलेशन बनाया है। करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रोन्नति मिलती थी, जो 31 दिसंबर 2008 तक लागू थी। इसके बाद यूजीसी ने नया रेगुलेशन बनाया, जो झारखंड में 6 अगस्त 2021 से लागू है। ऐसे में वर्ष 2009 से अगस्त 2021 तक कोई नियम या कानून लागू नहीं था। जिससे की प्रोफेसर से पद पर प्रोन्नति दी जा सके। अदालत से मांग की गई कि इस अवधि में वर्ष 2008 के रेगुलेशन को लागू किया जाए या फिर नई स्कीम बनाकर प्रोन्नति दी जाए। क्योंकि इस अवधि में अर्हता पूरी करने वाले लोगों को प्रोन्नति नहीं दी जा रही है। इस पर अदालत ने चार सप्ताह में सरकार और राज्य के सभी यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा है।

कोर्ट की फटकार के बाद एसडीओ प्रोन्नति की जारी हुई अधिसूचना

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा एसएन पाठक की अदालत में 25 एसडीओ को प्रोन्नति की अनुशंसा के बाद अधिसूचना नहीं जारी होने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है। सरकार के जवाब के बाद अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया। इस संबंध में सुषमा नीलम सोरेंग व अन्य ने याचिका दाखिल की है।

पिछली सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ता शादाब बिन हक और सौरभ शेखर ने कहा कि जब विभागीय प्रोन्नति कमेटी की बैठक के बाद एसडीओ को एडिशनल कलेक्टर के रूप में प्रोन्नति दिए जाने की अनुशंसा मुख्यमंत्री ने कर दी थी तो अधिसूचना जारी क्यों नहीं की गई, जबकि यह मामला प्रोन्नति पर रोक लगाए जाने से पहले का है। ऐसे में राज्य सरकार यह कह कर नहीं बच सकती कि पूरे राज्य में प्रोन्नति पर रोक लगाई गई है। प्रोन्नति पर रोक के बाद भी राज्य के कई सीडीपीओ को प्रोन्नति दी गई है। ऐसे में इनकी प्रोन्नति की अधिसूचना जारी करने से रोकना उचित नहीं है। इस पर अदालत ने मुख्य सचिव से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अधिसूचना जारी किए जाने की जानकारी कोर्ट को दी गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.