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स्क्रूटनी के दिन अमिताभ चौधरी ने सबसे अधिक सवाल दागे

जेएससीए चुनाव में सीओए के पर्यवेक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा स्क्रूटनी के दौरान उपस्थित थे बीसीसी

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 02:50 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 02:50 AM (IST)
स्क्रूटनी के दिन अमिताभ चौधरी ने सबसे अधिक सवाल दागे
स्क्रूटनी के दिन अमिताभ चौधरी ने सबसे अधिक सवाल दागे

जेएससीए चुनाव में सीओए के पर्यवेक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, स्क्रूटनी के दौरान उपस्थित थे बीसीसीआइ के सचिव

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संजीव रंजन, रांची ।

झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) के चुनाव का पारा अपने पूरे उफान पर है। सभी प्रत्याशी जीत के लिए पूरा दम लगा रहे हैं। इस दौरान क्रिकेट सलाहकार समिति (सीओए) द्वारा भेजे गए चुनाव पर्यवेक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के सचिव अमिताभ चौधरी स्क्रूटनी के दिन सबसे अधिक सक्रिय थे और उम्मीदवारों के नामांकन की वैधता पर सबसे ज्यादा प्रश्न उन्होंने ने ही दागे।

चुनाव पर्यवेक्षक डॉ. जयंत दासगुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 14 सितंबर को वे तथा सीओए द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षक शेशांक शेखर रोयापुरोलु नामांकन के बाद स्क्रूटनी प्रक्रिया को देखने पहुंचे थे। उन्होंने रिपोर्ट में कहा कि स्क्रूटनी के दौरान वहां 50 से अधिक लोग थे। कुछ पहले आ गए थे, तो कुछ विलंब से आए थे, जबकि कुछ प्रक्रिया के बीच में जा रहे थे। मुझे वहां किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नजर नहीं आई, जिससे कि लोगों को अंदर आने या जाने से रोका जा सके। स्क्रूटनी के दौरान कोई भी व्यक्ति किसी तरह की धमकी देते तथा कोई गलत व्यवहार करते नजर नहीं आया। चुनाव पदाधिकारी शिव बसंत की देखरेख में सारे कार्य हुए।

बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी के संबंध में रिपोर्ट में कहा गया है कि वे पूरी प्रक्रिया के दौरान वहां उपस्थित थे तथा हॉल में उपस्थित लोगों में सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे थे। उन्होंने उम्मीदवारों के नामांकन की वैधता पर सबसे ज्यादा प्रश्न खड़े किए। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अजय मारू भी दो-तीन प्रश्न दागे। जेएससीए के अध्यक्ष कुलदीप सिंह व सचिव देवाशीष चक्रवर्ती भी वहां उपस्थित थे।

नामांकन रद होने के बाद मनोज व सुनील ने किया विरोध :

रिपोर्ट में बताया गया है कि सचिव पद के उम्मीदवार मनोज सिंह व उपाध्यक्ष के पद के उम्मीदवार सुनील साहू ने नामांकन रद होने का कड़ा विरोध किया। जबकि, वर्तमान सचिव देवाशीष चक्रवर्ती ने अपना नामांकन रद होने पर कुछ नहीं कहा। रिपोर्ट में कहा गया कि मनोज सिंह 2010 से 2013 तक टूर्नामेंट सब कमेटी के स्पेशल आमंत्रित थे।

2013 से 2016 व 2016 से 2019 तक चुनाव जीत कर वे कमेटी में थे। हालांकि, उन्होंने तीन अक्टूबर 2016 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मनोज सिंह ने विरोध करते हुए कहा कि विशेष आमंत्रित सदस्य को छह साल के टर्म में नहीं जोड़ा जा सकता है, इसलिए मेरा नामांकन वैध है। जब चुनाव पदाधिकारी ने इस संबंध में हमसे राय मांगी, तो मैने अपने साथी शेशांक शेखर से राय लेने के बाद बताया विशेष आमंत्रित को छह साल के टर्म में शामिल नहीं कर सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद चुनाव पदाधिकारी शिव बसंत ने यह कहते हुए उनका नामांकन रद कर दिया कि विशेष आमंत्रित छह साल के टर्म में शामिल होता है। जबकि, सुनील साहू ने झारखंड वुशु संघ के महासचिव को दिए इस्तीफे की कॉपी देकर कहा कि नौ सिंतबर को उन्होंने वुशु संघ से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन, चुनाव पदाधिकारी ने यह कहते हुए उनका नामांकन रद कर दिया कि इस्तीफे की कागज पर संघ का स्टांप नहीं है।

अवधेश सिंह ने लिखा सीओए व चुनाव पदाधिकारी को पत्र :

झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य अवधेश कुमार सिंह ने बीसीसीआइ के सीओए व चुनाव पदाधिकारी शिव बसंत को पत्र लिख कर अमिताभ चौधरी के नाम पर वोट मांगे जाने पर आपत्ति जताई है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि इस चुनाव से अमिताभ चौधरी को कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए उनके द्वारा बयान जारी कर सार्वजनिक कर देना चाहिए कि अगर कोई गुट उनके नाम पर वोट मांगता है तो वह गलत है। मेरा किसी गुट से मतलब नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले भी अवधेश सिंह ने चुनाव पदाधिकारी को पत्र लिख कर अमिताभ चौधरी का कार्यालय चुनाव तक बंद कराने की मांग की थी।


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