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कृषि उत्पादन बाजार में सड़कें खराब के साथ स्ट्रीट लाइट की भी कमी, व्यापारियों एवं ग्राहकों को हो रहा मुश्किल

Jharkhand News पंडरा स्थित कृषि उत्पादन बाजार(Pandara Agricultural Market) राजधानी रांची(Ranchi) की सबसे बड़ी मंडी है। लेकिन मुख्य प्रांंगड़ एवं टर्मिनल यार्ड स्थित बनहोरा रोड जर्जर(Damage Road) एवं बदहाल स्थिति में होने के कारण व्यापारियों(Merchants) एवं ग्राहकों(Customers) को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 02:19 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 02:19 PM (IST)
कृषि उत्पादन बाजार में सड़कें खराब के साथ स्ट्रीट लाइट की भी कमी, व्यापारियों एवं ग्राहकों को हो रहा मुश्किल
कृषि उत्पादन बाजार में सड़कें खराब के साथ स्ट्रीट लाइट की भी कमी, व्यापारियों एवं ग्राहकों को हो रहा मुश्किल

रांची (जासं)। Jharkhand News: पंडरा स्थित कृषि उत्पादन बाजार(Pandara Agricultural Market) राजधानी रांची(Ranchi) की सबसे बड़ी मंडी है। लेकिन मुख्य प्रांंगड़ एवं टर्मिनल यार्ड स्थित बनहोरा रोड जर्जर(Damage Road) एवं बदहाल स्थिति में होने के कारण व्यापारियों(Merchants) एवं ग्राहकों(Customers) को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोड जर्जर होने के कारण बाजार तक किसी भी वाहन का पहुंचना जोखिम भरा हो गया है। वहीं, बाजार में नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण भी कूड़ा-कचरा जहां-तहां पड़ा रहता है। व्यापारियों का कहना है कि विगत चार से यहां ऐसी ही स्थिति का सामना हमलोग कर रहे हैं। समस्या को दूर करने के लिए बाजार समिति के पदाधिकारियों से कई बार आग्रह किया गया। लेकिन आज तक स्थिति जस की तस है। व्यापारियों का कहना है कि इस दुरूह स्थिति में कारोबार करना मुश्किल हो गया है।

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शाम ढलने के बाद बढ़ जाती है असामाजिक तत्वों की सक्रियता:

मंडी में स्ट्रीट लाइट की कमी है। ज्यादातर व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकान के सामने अपने खर्च पर लाइट लगवाई है। लेकिन मुख्य सड़क पर कई स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से सड़क पर अंधेरा छाया रहता है। इस वजह से कई लोग जर्जर सड़क पर चोटिल भी हो चुके हैं। व्यापारियों की माने, तो शाम ढलने के बाद मंडी में विशेषक टर्मिनल यार्ड में असामाजिक तत्वों की सक्रियता बढ़ जाती है, जो बाहर से आते हैं। ये लोग शराब के साथ-साथ जुआ भी खेलते रहते हैं। इस वजह से व्यापारियों में दहशत भी रहता है। बाजार में सुरक्षा के लिए 18 गार्ड हैं, जो तीन शिफ्ट में अपनी सेवाएं देते हैं। हालांकि व्यापारी मंडी में पुलिस पेट्रोलियम बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं।

55 में से 33 स्ट्रीट लाइट ही काम की:

अस्सी के दशक में तैयार की गई यह मंडी 62 एकड़ के दायरे में फैली है। मंडी में 656 गोदाम एवं दुकान हैं। मुख्य प्रांगढ़ में अनाज, दलहन एवं खाद्यान्न तेल की दुकान एवं गोदाम अधिक संख्या में हैं। वहीं, टर्मिनल यार्ड में आलू-प्याज के अलावा अन्य उत्पादों की दुकान एवं गोदाम अवस्थित हैं। बताया जा रहा है कि मंडी परिसर में 55 स्ट्रीट लाइट हैं। लेकिन काम की सिर्फ 33 लाइट ही हैं। शेष स्ट्रीट लाइट या तो खराब हो गई हैं अथवा फैल्क्चुएट करती रहती हैं।

टैक्स बंद तो विकास भी बाधित:

इधर, कृषि उत्पादन समिति की ओर से बताया गया कि पहले यहां व्यापारियों से मिलने वाले टैक्स के धन से विकास कार्य किया जाता था। लेकिन अप्रैल, 2015 में तत्कालीन सरकार ने इसे समाप्त करते हुए बाजार शुल्क वसूली को बंद कर दिया था। इसके बाद से बाजार का विकास कार्य प्रभावित हुआ है। वहीं, मार्केटिंग बोर्ड में डेढ़ साल से कार्यकारी अभियंता का पद भी रिक्त है। जिससे विकास के लिए तकनीकी स्वीकृति मिलने में भी दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि विभाग द्वारा इसके लिए प्रयास जारी है।

सड़कें जर्जर होने एवं स्ट्रीट लाइट की कमी से काफी दिक्कतों का करना पड़ता है सामना:

पंडरा के आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के सचिव रोहित कुमार ने कहा कि मंडी में आलू-प्याज की 42 दुकानें हैं। वहीं, अनाज व दलहन सहित अन्य उत्पादों के सैकड़ों दुकानें हैं। सड़कें जर्जर होने एवं स्ट्रीट लाइट की कमी से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

समस्या को दूर करने के लिए पदाधिकारियों को कई बार कराया गया अवगत:

पंडरा में आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के उपाध्यक्ष मदन प्रसाद ने बताया कि मंडी की समस्या को दूर करने के लिए बाजार समिति के पदाधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया। लेकिन स्थिति जस की तस है। इधर, शाम ढलते ही यहां असामाजिक तत्व भी सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में, गार्ड्स की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत है।

2015 में सरकार द्वारा मंडी में शुल्क वसूली को कर दिया गया था बंद:

पंडरा के ही कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव अभिषेक आनंद ने बताया कि अप्रैल, 2015 में सरकार द्वारा मंडी में शुल्क वसूली को बंद कर दिया गया था। इसके बाद से यहां विकास कार्य प्रभावित हुआ है। फंड की कमी की वजह से समिति पूरी तरह से विकास कार्य नहीं करवा पा रही है। फिर भी हम विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।


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