जज को भी साइबर अपराधियों ने नहीं बख्शा, हाईकोर्ट ने कहा- पैसे की सुरक्षा बैंक की जिम्मेदारी
झारखंड के साइबर अपराधियों द्वारा पांच लाख की ठगी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि बैंक में पैसा जमा करने वाले देश के प्रति ईमानदार होते हैं। साइबर ठगी पर पैसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की है।
रांची, डिजिटल डेस्क। साइबर अपराधियों द्वारा बैंक खातों से रुपये उड़ा लेने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। यह फैसला भारत में रहने वाले हर उस व्यक्ति से जुड़ा है, जिसका बैंक में खाता है। पैसा जमा करता है। झांसे में आकर साइबर ठगी का शिकार हो जाता है।
पूर्व जज के खाते से उड़ा लिए पांच लाख रुपये
झारखंड के साइबर अपराधियों द्वारा पांच लाख रुपये की ठगी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव के बैंक खाते से झारखंड के साइबर अपराधियों ने पांच लाख रुपये उड़ा लिए थे। इस मामले के सभी आरोपितों की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।
साइबर अपराधियों को कोर्ट से नहीं मिली जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि साइबर ठगी के मामले में पैसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की होनी चाहिए। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने नीरज मंडल उर्फ राकेश, तपन मंडल, शूबो शाह उर्फ शुभाजीत और तौसीफ जमा की जमानत अर्जी पर दिया है।
बैंक में पैसा जमा करनेवाले देश के प्रति ज्यादा ईमानदार
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा है कि बैंक में पैसा जमा करने वाले देश के प्रति ज्यादा ईमानदार हैं। उनका पैसा हर हाल में सुरक्षित रहना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि गरीब ईमानदार आदमी अपना पैसा बैंक में रखता है। इससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
सफेदपोश लोग अपना पैसा तहखाने में छिपाकर रखते हैं
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने यह भी कहा है कि देश में कालाबाजारी करने वाले सफेदपोश लोग अपना पैसा तहखाने में छिपाकर रखते हैं, जो देश के विकास में काम नहीं आता है। ऐसे लोग देश के विकास में रोड़ा उत्पन्न करते हैं।
साइबर अपराध की जवाबदेही तय होनी चाहिए
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने यह भी कहा कि बैंक यह कह कर नहीं बच सकता कि वह जिम्मेदार नहीं है। पुलिस यह कहकर नहीं बच सकती कि साइबर अपराधी उनकी पहुंच से दूर नक्सली क्षेत्रों में रहते हैं। साइबर अपराध की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
जज से इस तरह साइबर अपराधियों ने की ठगी
मालूम हो कि पूर्व न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव को 04 दिसंबर 2020 को झारखंड की राजधानी रांची से मोबाइल नंबर पर फोन आया। उनसे पासबुक, आधार कार्ड और पैन कार्ड नंबर मांगा गया। इसके बाद उनके बैंक खाते से पांच लाख रुपये निकल लिए गए।
झारखंड हाईकोर्ट में जज रह चुकी हैं पूनम श्रीवास्तव
पूर्व न्यायमूर्ति पूनम श्रीवास्तव ने 08 दिसंबर 2022 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कैंट थाना में एफआइआर दर्ज कराई। पूनम श्रीवास्तव झारखंड हाईकोर्ट में जज रह चुकी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट से ही उनका तबादला झारखंड हाईकोर्ट किया गया था।
अभियुक्तों ने कोर्ट में जमानत के दायर की थी अर्जी
मालूम हो कि इस मामले में पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और चार्जशीट दाखिल कर दी है। अपने को बिना साक्ष्य के फंसाने का आरोप लगाते हुए जमानत पर रिहा करने की अभियुक्तों ने अदालत में अर्जी दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है।